हरभजन के कारण शर्मसार हुआ पूरा नगर निगम अधिकारी कर्मचारी कुछ भी बोलने की स्थिति में नहीं
हनी ट्रैप मामले में नगर निगम के इंजीनियर हरभजन सिंह के कारनामे उजागर होने के बाद पूरा नगर निगम शर्मसार हो गया है। महापौर ,सभापति, एमआईसी सदस्य, निगम आयुक्त, अपर आयुक्त, उपायुक्त से लेकर कोई भी कर्मचारी कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं है। हालांकि दबी जुबान में सभी यह जरूर कहते हैं कि हरभजन सिंह के क्रियाकलापों ने कभी भी नगर निगम का नाम ऊंचा नहीं किया। स्वच्छता में तीन बार प्रथम आकर इंदौर नगर निगम ने देश मे जो नाम कमाया था उसे हरभजन सिंहःके इन क्रिया कलापों ने धूमिल कर दिया है। बताया जाता है कि तत्कालीन महापौर कैलाश विजयवर्गीय भी हरभजन सिंह से काफी खफा थे और उन्होंने बिल्डिंग परमिशन से हरभजन सिंह को हटा दिया था। हरभजन सिंह का विवादों से काफी गहरा ताल्लुक रहा है। इसी के चलते आयुक्त रहे मनीष सिंह ने कभी भी हरभजन सिंह को कोई काम नहीं दिया और ना ही हरभजन सिंह को ट्रांसफर लेने दिया। मनीष सिंहः के जाने बाद हरभजन सिंह को हाउसिंग फॉर ऑल जैसा मलाईदार विभाग मिल गया। आयुक्त आशीष सिंह ने हरभजन सिंह को वहां से हटाकर नर्मदा प्रोजेक्ट में भेजा था। बताया जाता है कि पिछले दिनों हरभजन सिंह के कारण ही चिंटू चौकसे के समर्थकों ने नगर निगम के परिषद सम्मेलन में जमकर हंगामा किया था। तब नगर निगम के अधिकारियों और महापौर ने हरभजन सिंह का पक्ष लिया था। हरभजन सिंह हमेशा गीत गजलों की महफिल में खोए रहने वाले अधिकारी रहे हैं।
प्रमोद दीक्षित। वरिष्ठ पत्रकार
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