सालाना 10 हजार करोड़ की क्षति; पूर्ति के लिए नई कवायद
मध्यप्रदेश केवल क्षतिपूर्ति राशि के रूप में जीएसटी लागू होने से लेकर अब तक पांच वित्तीय वर्षों में कुल 18,296 करोड़ रुपए हासिल कर चुका
इंदौर:जीएसटी कानून के 5 साल 1 जुलाई 2022 को पूरे हो जाएंगे। इसी के साथ प्रदेश सरकार को अगले महीने से केंद्र सरकार से क्षतिपूर्ति राशि और सेस के रूप में सालाना करीब 10 हजार करोड़ रुपए मिलना बंद हो जाएंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि केंद्र सरकार ने जीएसटी लागू होने के पांच साल तक ही प्रदेशों को क्षतिपूर्ति राशि और सेस देने का प्रावधान रखा था। यह राशि विभाग के सालाना टारगेट का लगभग 25% होती है। राजस्व की इसी भरपाई के लिए आयकर विभाग अब ब्यूटी सैलून, पार्लर, ब्रोकरेज सर्विसेज, कैटरिंग आदि सेवाओं के लिए जीएसटी रजिस्ट्रेशन अनिवार्य करेगा।
मध्यप्रदेश केवल क्षतिपूर्ति राशि के रूप में जीएसटी लागू होने से लेकर अब तक पांच वित्तीय वर्षों में कुल 18,296 करोड़ रुपए हासिल कर चुका है। सेस के रूप में भी 25,457 करोड़ रुपए प्राप्त कर चुका है। इस प्रकार जीएसटी लागू होने से लेकर अब तक 43,753 करोड़ रुपए प्रदेश को क्षतिपूर्ति के लिए मिल चुके हैं। इस प्रकार मध्यप्रदेश को तीन वित्तीय वर्षों में हर वर्ष लगभग 10 हजार करोड़ रुपए राशि मिली है। मौजूदा वित्तीय वर्ष 2022-23 के तीन महीनों में भी केंद्र सरकार द्वारा अप्रैल और मई की देय क्षतिपूर्ति राशि जून में जारी कर दी गई है। अब केवल जून की राशि विभाग को प्राप्त होगी जो कि क्षतिपूर्ति राशि की आखिरी किस्त होगी।
प्रदेश में ऐसे होगी राजस्व पूर्ति?
मध्यप्रदेश वाणिज्यिक कर आयुक्त लोकेश कुमार जाटव ने बताया अगले महीने से राजस्व संग्रहण बढ़ाने के लिए कई तरीके अपनाए जाएंगे। एक बड़ा तरीका होगा करदाताओं की संख्या बढ़ाना और मौजूदा करदाताओं से सुचारु रूप से कर संग्रहण करना, जिसके लिए जीएसटी ऑडिट भी माध्यम होगा। इसके लिए विभाग ऐसे क्षेत्रों पर काम कर रहा है, जहां सेवाओं और उत्पादों पर कर देय होता है, लेकिन कोई राजस्व नहीं प्राप्त हो रहा है। ऐसे क्षेत्रों की पहचान कर नए करदाता जोड़े जाएंगे। साथ ही कर चोरी पकड़ने पर भी अगले माह से जोर रहेगा।
- 18,296 करोड़ रुपए क्षतिपूर्ति राशि हासिल कर चुका प्रदेश 5 वित्तीय वर्ष में
- 25,457 करोड़ रुपए प्राप्त कर चुका है सेस के रूप में
- 43,753 करोड़ रुपए प्रदेश को क्षतिपूर्ति के लिए मिल चुके जीएसटी लागू होने से अब तक
राजस्व वसूली के लिए इन सेवाओं का जीएसटी रजिस्ट्रेशन होगा
- राजस्व वसूली के लिए अब ब्यूटी सैलून, पार्लर, ब्रोकरेज सर्विसेज, कैटरिंग सर्विसेज, डीजे, बैंड, लाइट साउंड, इवेंट मैनेजमेंट, रेस्त्रां, टूर एंड ट्रेवल्स, आर्किटेक्ट, प्लंबर, हैवी अर्थ मूविंग मशीनरी, बोरिंग, कॉस्मेटिक सर्जरी, पेस्ट कंट्रोल सर्विसेस, सिक्योरिटी सर्विसेज, मैन पॉवर सर्विसेज, फोटोग्राफी एंड वीडियोग्राफी, वैलनेस इंडस्ट्री जैसे कि योगा, जिमिंग, हेल्थ एप, जुंबा कंसल्टेंसी सर्विसेज, कोचिंग. मैरिज गार्डन आदि सेवाओं का जीएसटी रजिस्ट्रेशन करवाया जाएगा, ताकि इनसे सख्ती से टैक्स वसूल सकें।
- खुदरा वस्तुओं एवं खास तौर पर ऐसी वस्तुएं व सामग्री, जो लोकल मेड है और लोकल सप्लाय की है जैसे ईंट, रेती, दोने, पत्तल, डिस्पोजल आइटम्स के साथ गुटखा, लोकल सिगरेट सहित कई एरिया हैं, जहां विभाग राजस्व वृद्धि के प्रयास कर सकता है।
- स्टॉक ब्रोकर, इंश्योरेंस एजेंट, म्यूचुअल फंड ब्रोकर, आर्किटेक्ट, सिंगर, डांसर, ऑनलाइन गेमिंग, प्रोफेशनल टैक्स, इंटरनेट सॉफ्टवेयर, अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर।
क्या है क्षतिपूर्ति राशि?
क्षतिपूर्ति राशि देने के पीछे उद्देश्य था कि नई कर प्रणाली लाई जाने के कारण राज्यों को होने वाले राजस्व के नुकसान की भरपाई की जा सके। केंद्र सरकार द्वारा प्रत्येक राज्य को आश्वासन दिया गया था कि नई प्रणाली से उनके राजस्व की बढ़त पर कोई असर नहीं पड़ेगा और इसी के चलते जीएसटी लागू होने के पहले वाले साल में हुए राजस्व को आधार मानते हुए उस पर 14% की बढ़त के साथ मिलने वाले आंकड़े को संरक्षित राजस्व माना गया और प्राप्त राजस्व और संरक्षित राजस्व के बीच की कमी की भरपाई सरकार द्वारा की जाने की घोषणा की गई थी। इसके लिए केंद्रीय विभाग द्वारा सिन गुड्स पर अतिरिक्त सेस लगाया गया और इससे मिलने वाली राशि, और अन्य क्षतिपूर्ति राशि प्रदेशों को भरपाई के रूप में दी गई।