ग्वालियर। ओबीसी आरक्षण मामले में राजनीति कम होने का नाम नहीं ले रही है. मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव को लेकर हलचल मची हुई है. बुधवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने दिल्ली में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के साथ मीटिंग की थी. गुरुवार को ग्वालियर में ओबीसी की राष्ट्रीय कोर कमेटी की बैठक हुई. बैठक में 21 मई को मध्यप्रदेश बंद करने का फैसला लिया गया है. ओबीसी महासभा की इस बैठक में दिल्ली के प्रदेश अध्यक्ष वीसी बघेल भी शामिल रहे.
ग्वालियर में ओबीसी आरक्षण पर बैठक
ओबीसी के साथ कुठाराघात: राष्ट्रीय कोर कमेटी की बैठक के बाद महासभा के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्षों ने लिए गए फैसलों की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि अदालत में जज कोलोजियम सिस्टम से बैठे हैं, जो कुठाराघात कर रहे हैं. जबकि ओबीसी का रिजर्वेशन पूरी तरह से खत्म हो गया है. इधर, सरकार पूरी कोशिश कर रही है कि ओबीसी आरक्षण के साथ ही चुनाव कराया जाए. (Gwalior obc meeting)
सरकार पर उठे सवाल: कांग्रेस और बीजेपी अभी भी कह रही है कि वो ओबीसी के प्रतिनिधियों को टिकट देंगे. महासभा के नेताओं ने सवाल किया कि आखिर पार्टियां पंच-सरपंच को कैसे टिकट देंगी. अगर बीजेपी कांग्रेस ओबीसी को असल में प्रतिनिधित्व देना है, तो लोकसभा में कानून बनाकर संवैधानिक दर्जा दें. ओबीसी महासभा नेताओं ने मौजूदा केंद्र और प्रदेश की सरकारों पर सवाल उठाते हुए कहा कि केंद्र में मोदीऔर प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के नाम पर वोट दिया था. आखिर यह डबल इंजन की सरकार ओबीसी महासभा को रिजर्वेशन दिलवाने में कहां फेल हो गई.