भोपाल। मध्य प्रदेश में बिजली की अघोषित कटौती के साथ बिल एक बड़ी समस्या बनती जा रही है. सरकार और बिजली कंपनियां भी इससे वाकिफ हैं, लिहाजा गलत बिजली बिल के मामलों को निपटाने के लिए जिले स्तर पर समितियां बनाई जा रही हैं. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध संचालक गणेश शंकर मिश्रा ने मैदानी अधिकारियों को निर्देशित किया है कि तत्काल वितरण केन्द्र स्तर पर गलत विद्युत देयकों के निराकरण के लिए समितियां गठित करें. इस संबंध में सभी मैदानी महाप्रबंधक अपने जिला कलेक्टर से समन्वय स्थापित कर समितियों का गठन सुनिश्चित कराएंगे.
गलत देयकों के निराकरण के लिये समिति का पुनर्गठन : ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के निर्देशानुसार प्रत्येक जिले में विद्युत वितरण कम्पनी के वितरण केन्द्र स्तर पर गलत देयकों के निराकरण के लिये समिति का पुनर्गठन किया जा रहा है. समिति में विद्युत वितरण कम्पनी के प्रबंधक सदस्य व संयोजक होंगे. समिति में जिले के प्रभारी मंत्री द्वारा छह अशासकीय सदस्य नामांकित किए जाएंगे. इनमें एक जनपद पंचायत के सदस्य, एक नगरीय क्षेत्र (यदि है तो) के पार्षद, एक कृषि या व्यवसायिक उपभोक्ता, एक घरेलू उपभोक्ता और दो महिला सदस्य शामिल होंगे.
हर महीने के दूसरे मंगलवार को होगी बैठक: समिति प्रत्येक माह के दूसरे मंगलवार को वितरण केन्द्र या जोन स्तर पर बैठक कर प्राप्त आवेदनों पर विचार कर अनुशंसा करेगी। इस दिन अवकाश होने पर समिति अगले कार्य-दिवस पर बैठक करेगी। बैठक का कोरम कम से कम तीन सदस्य का होगा.