किसानों ने रोका कंगना का काफिला, माफी मांगने के बाद जाने दिया

चंडीगढ़: हाल ही में कंगना रनौत का कृषि कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को खालिस्तानी बताने वाला पोस्ट एक्ट्रेस को उस समय भारी पड़ गया जब शुक्रवार को किसानों ने पंजाब (Punjab) के कीरतपुर में उनके काफिले को घेर लिया. किसानों ने कंगना की गाड़ी को रोक लिया और उनके खिलाफ जमकर नारेबाजी की. किसानों और महिलाओं ने उनसे सार्वजनिक तौर पर माफी मांगने की मांग की.किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया था. किसान रास्ता रोक कर इस बात पर अड़े रहे कि कंगना पहले माफी मांगे उसके बाद ही उन्हें जाने दिया जाएगा. हालांकि काफी जद्दोजहद के बाद उनको जाने दिया गया. कंगना रनौत ने हिमाचल से पंजाब में एंट्री की थी. वह चंडीगढ़ जा रही थीं. कंगना के माफी मांगने के बाद ही किसानों ने उन्हें आगे जाने दिया.

इंस्टाग्राम में लिखा था ये पोस्ट
हाल ही कंगना ने इंस्टाग्राम पर लिखा था कि खालिस्तानी आतंकवादी भले ही आज सरकार का हाथ मरोड़ रहे हैं, लेकिन भारत की इकलौती पीएम को मत भूलिए जिन्होंने इनको अपनी जूती के नीचे दबा दिया था. उन्होंने अपनी जिंदगी दाव पर लगाकर इन्हें मच्छरों की तरह कुचल दिया था, लेकिन देश के टुकड़े नहीं होने दिए. उनकी मौत के दशकों बाद भी आज तक ये उनके नाम से कांपते हैं. इन्हें वैसा ही गुरु चाहिए.उन्होंने यह भी लिखा कि मेरे इसी पोस्ट पर मुझे विघटनकारी ताकतों की तरफ से निरंतर धमकियां मिल रही हैं. बठिंडा के एक भाई साहब ने तो मुझे खुलेआम जान से मारने की धमकी दी है. मैं इस तरह की गीदड़ भभकी या धमकियों से नहीं डरती. हमेशा विवादों में घिरी रहने वाली एक्ट्रेस कंगना ने लिखा कि देश के खिलाफ षड्यंत्र करने वालों और आतंकी ताकतों के खिलाफ बोलती हूं और हमेशा बोलती रहूंगी. वह चाहे बेगुनाह जवानों के हत्यारे नक्सलवादी हों, टुकड़े टुकड़े गैंग हो या आठवें दशक में पंजाब में गुरुओं की पावन भूमि को देश से काटकर खालिस्तान बनाने का सपना देखने वाले विदेशों में बैठे हुए आतंकवादी हों.
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति ने हाल ही में आरोप लगाया था कि  कंगना रनौत ने जानबूझकर किसान मोर्चा को खालिस्तानी आंदोलन के रूप में चित्रित किया और सिख समुदाय को खालिस्तानी आतंकवादी भी करार दिया. इसके बाद अभिनेत्री के खिलाफ धारा 295 ए (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य, किसी भी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को उसके धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करने के इरादे से) के तहत प्राथमिकी दर्ज की है.

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