
मणिपुर में उग्रवादी हमले में शहीद हुए कमांडेंट विप्लव त्रिपाठी, उनकी पत्नी और बेटे को सोमवार को अंतिम विदाई दे दी गई। उनका अंतिम संस्कार रायगढ़ के सर्किट हाउस स्थित मुक्ति धाम में हुआ। वहां शहीद विप्लव के छोटे भाई लेफ्टिनेंट कर्नल अनय त्रिपाठी ने उनको और अपनी भाभी अनुजा शुक्ला को मुखाग्नि दी। इससे पहले जब सेना के जवानों के साथ अनय ने भी बड़े भाई को सैल्यूट किया तो सबकी आंखें नम हो गई। वहीं असम राइफल्स के जवानों ने अपने कमांडेंट को गार्ड ऑफ ऑनर दिया।
शहीद विप्लव, उनकी पत्नी का अंतिम संस्कार और बेटे को दफनाया गया।
इससे पहले कमांडेंट विप्लव त्रिपाठी, उनकी पत्नी अनुजा शुक्ला और 6 साल के बेटे अवीर का शव भारतीय वायु सेना के विशेष विमान से रायगढ़ लाया गया। कमांडेंट की शहादत के सम्मान में शहर पूरी तरह से बंद रहा। हैलीपैड पर जैसे ही विमान लैंडिंग की सूचना मिली पूरा शहर अपने हीरो के सम्मान में वहां उमड़ पड़ा। इस दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की ओर से उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल ने शहीद को भावभीनी श्रद्धांजलि दी।
शव के पास बिलखती मां और अन्य।
वहां से फूलों से सजी सेना की गाड़ी में तीनों के शव घर की ओर बढ़े तो लोगों का हुजूम भी उधर उमड़ पड़ा। पूरे रास्ते लोग फूल बरसाते रहे और भारत माता की जय व विप्लव अमर रहे के नारे लगाते रहे। तिरंगे में बेटे-बहू और पोते को लिपटा देख माता-पिता बेसुध से हो गए। उनकी आंखों से आंसू थम ही नहीं रहे थे। वहां पर शवों को कुछ देर रखने के बाद रामलीला मैदान में जन दर्शन के लिए रवाना किया गया। वहां महिला, बुजुर्ग, युवा, बच्चे हर कोई अंतिम दर्शन के लिए उमड़ पड़ा।

कमांडेंट के अंतिम दर्शन के लिए उमड़े लोग।
शहीद के माता-पिता व अन्य।
छत्तीसगढ़ में रायगढ़ के रहने वाले वरिष्ठ पत्रकार सुभाष त्रिपाठी के बड़े बेटे कमांडेंट विप्लव त्रिपाठी (41) सहित 5 जवान 13 नवंबर को मणिपुर में हुए उग्रवादी हमले में शहीद हो गए थे। असम राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल विप्लव त्रिपाठी की पत्नी अनुजा शुक्ला (37) और बेटे अवीर त्रिपाठी (6) की भी इस हमले में मौत हो गई थी। वह परिवार सहित आ रहे थे, इसी दौरान घात लगाए उग्रवादियों ने IED ब्लास्ट कर उनकी गाड़ी को उड़ा दिया था।

शव घर के लिए निकला तो लोग भी भारत माता की जय के नारे लगाते रहे।

रामलीला मैदान में श्रद्धांजलि देते छोटे भाई लेफ्टिनेंट कर्नल अनय त्रिपाठी।

रामलीला मैदान में शव के अंतिम दर्शन के लिए उमड़ा जन सैलाब।
विप्लव और उनकी पत्नी-बेटे का शव घर लाया गया।
घर के बाहर बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।
भारत माता की जय और विप्लव अमर रहे के नारे लगाए जा रहे हैं।


शहीद को अंतिम विदाई देने बड़ी संख्या में लोग पहुंचे।

जनप्रतिनिधियों और अफसरों ने शहीद को श्रद्धांजलि दी।

शहीद के सम्मान में रायगढ़ शहर पूरी तरह से बंद रहा।