ग्वालियर ।
राष्ट्रीय समन्वय समिति नेशनल कोआर्डिनेशन कमेटी आफ इलेक्ट्रिसिटी इम्पलाइज एन्ड इंजीनियर्स ( एनसीसीओईई ) के आह्वान पर 10 अगस्त को बिजली कंपनी के अधिकारी व कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे। सोमवार-मंगलवार को रात 12 बजे से अपने मोबाइल बंद कर लेंगे। यह मोबाइल 24 घंटे तक बंद रहेंगे। 10 अगस्त को किसी भी तरह का कार्य नहीं करेंगे। यदि उपभोक्ता की बिजली गुल हो जाती है तो उस समस्या को भी सुधारने कोई कर्मचारी नहीं आएगा। यानी बिजली को लेकर संकट होने वाला है। यदि बिजली कंपनी में कोई कार्य है तो न जाएं, क्योंकि अधिकारी व कर्मचारी सुनवाई नहीं करेंगे।
इस हड़ताल के माध्यम से बिजली कंपनी के निजीकरण का विरोध किया जा रहा है। यूनाइटेड फोरम के संगठन मंत्री एल के दुबे ने बताया कि सरकार उनकी मांगो को नहीं मान रही है। कई दौर की वार्ता हो चुकी है। सोमवार को प्रमुख सचिव से भोपाल में चर्चा भी हुई, लेकिन कोई अंतिम निष्कर्ष नहीं निकला। लिखित में कोई अाश्वासन नहीं दिया। प्रमुख सचिव से मुलाकात के बाद हमारे संगठन के पदाधिकारियों की वर्चुअल बैठक हुई। ग्वालियर से एलके दुबे शामिल हुए। इस बैठक में सभी मुद्दों पर चर्चा हुई और तय किया गया कि हड़ताल में कोई बदलाव नहीं है। 10 अगस्त को अधिकारी व कर्मचारी किसी भी तरह की समस्या नहीं सुनेंगे। यदि बिजली अापूर्ति बंद हो जाती है तो उसको भी सुधारने नहीं जाएंगे। यह हड़ताल रात 12 बजे तक जारी रहेगी। दुबे ने बताया कि हड़ताल से अस्पताल, पानी सप्लाई व बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों को बाहर रखा गया है। यहां की सप्लाई को प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा।
इन मांगों को लेकर हड़ताल
- बिजली कंपनियों में लाए जा रहे निजीकरण को रद्द किया जाए।
-संविदा कर्मियों को नियमित किया जाए।
- आऊटसोर्स कर्मचारियों का संविलियन किया जाए।
-सभी अधिकारी कर्मचारियों को मुख्यमंत्री कोविड -19 कल्याण योजना में शामिल किया। बिना शर्त अनुकंपा नियुक्ति , पेंशन की व्यवस्था लागू की जाए।