6 साल बाद भी नहीं मिला झीरम हमले के शहीदों को न्याय

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छत्तीसगढ़ में माओवादी घटनाक्रम के काले दिनों में से एक 25 मई 2013 की घटना में पीड़ितों को आज भी इंसाफ का इंतजार है. हैरानी की बात यह है कि जिस घटना में कांग्रेस के आला नेताओं सहित कुल 32 लोगों की हत्या हुई. उसमें पांच-पांच जांच कमेटियां बनी लेकिन नतीजा शून्य के जैसा ही रहा. घटना के पीड़ित शिव सिंह ठाकुर जिन के बदन में आज भी माओवादियों के गोलियों के छर्रे मौजूद है. उन्होने कहा कि इंसाफ का इंतजार लंबे समय से है. सभी पीड़ित चाहते हैं कि घटना के गुनेहगारों का राज फाश हो. वहीं इस घटना के प्रत्यक्षदर्शी और पीड़ित दौलत रोहड़ा को आज भी इंसाफ का इंतजार है. दौलत रोहड़ा ने कहा कि बीजेपी की पूर्ववर्ती सरकार ने जांच में लीपापोती की है. अब उन्हें उम्मीद हैं कि जल्द ही समस्त पीड़ित परिवारों को इंसाफ मिलेगा.

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