प्रदेश सरकार ने डेढ़ साल से मप्र लोक सेवा आयोग (एमपीपीएससी) में सीधी भर्ती पर आयु सीमा में बदलाव का जो फैसला लिया है, उसे लेकर काफी सवाल उठ रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के आधार पर बाहरियों और स्थानीय युवाओं के लिए एक जैसी 35 साल उम्र तय कर दी गई है, लेकिन पहले दूसरे प्रदेशों की स्टडी नहीं की।छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने 5 महीने पहले प्रदेश के युवाओं को सीधी भर्ती की आयु सीमा में 10 साल ज्यादा की छूट दी है। राजस्थान और उत्तरप्रदेश जैसे राज्य अपने युवाओं को 40 साल की उम्र का मौका दे रहे हैं, जबकि मध्यप्रदेश ने पांच साल उम्र घटा दी है। इससे प्रदेश के 4.50 लाख उम्मीदवार परीक्षा देने के लिए अपात्र हो गए हैं। गौरतलब है कि कमलनाथ कैबिनेट में राज्य शासन की सेवाओं में सीधी भर्ती से भरे जाने वाले पदों पर नियुक्ति के लिए निर्धारित अधिकतम आयु सीमा में बदलाव किया है। इसमेंे बाहरी प्रदेश के युवाओं के लिए आयु सीमा 28 से बढ़ाकर 35 साल तो प्रदेश के युवाओं की आयु सीमा 40 से घटाकर 35 कर दी गई है।
यहां पहले अपने… पड़ोसी राज्यों में ऐसा है आयु सीमा का फॉर्मूला
छत्तीसगढ़ में सरकार ने बढ़ाई उम्र- छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने 30 जनवरी 2019 को आयु सीमा पर निर्देश जारी किए थे। इसके मुताबिक राज्य के शिक्षित बेरोजगारों के हित को ध्यान में रखकर स्थानीय युवाओं की अधिकतम आयु सीमा को 35 से बढ़ाकर 40 साल कर दिया गया है। प्रदेश के बाहरी युवाओं को उम्र का दायरा 30 साल तय किया गया है। इसी आधार पर नए पदों पर भर्तियां निकाली गई है।
राजस्थान में एक जैसी 40 साल-राजस्थान पब्लिक सर्विस कमीशन रूल्स एंड रेग्युलेशन 1999 में राजस्थान में सरकारी नौकरियों के लिए अधिकतम आयु सीमा 35 वर्ष तय हुई थी। राजस्थान की भाजपा सरकार ने 6 मार्च 2018 को इन नियमों में बड़ा बदलाव कर दिया था। इसकी जगह राजस्थान पब्लिक सर्विस कमीशन रूल्स एंड रेग्युलेशन 2018 हुआ है। इसमें आयु सीमा 35 की जगह 40 कर दिया था।
उत्तरप्रदेश में भी 40 साल- उत्तरप्रदेश की भाजपा सरकार ने बाहरी और प्रदेश के युवाओं के लिए आयु सीमा को एक समान 40 वर्ष किया है। यूपीपीएससी के साइंटिस्ट के पदों पर अप्रैल में जो सीधी भर्ती के पद निकाले गए हैं, उसमें 40 साल अधिकतम आयु सीमा रखी गई है। इसमें सामान्य वर्ग के गरीबी रेखा के नीचे वाले युवाओं को 10% आरक्षण दिया गया है। वहीं आरक्षित वर्ग को 50 साल तक का मौका मिल रहा है।
सीएम से मिलने पहुंचे पीड़ित छात्र- सोमवार को सैकड़ों छात्र भोपाल में सीएम कमलनाथ से मिलने पहुंचे थे, लेकिन वे भोपाल में नहीं थे, इसलिए युवा प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पहुंच गए। एक उम्मीदवार डॉ. बसंत तुरकर ने कहा कि उम्र सीमा एक जैसी होना चाहिए। आयु सीमा घटने से आरक्षित वर्ग को 5 साल का नुकसान हो गया है।
प्रदेश में पीएससी से सीधे पदों पर भर्ती के लिए आयु सीमा में बदलाव किया है। प्रदेश के मूल निवासियों की उम्र 5 साल कम होने के मामले को हम समझ रहे हैं। मुख्यमंत्री के सामने अगली बैठक में बात रखी जाएगी। इसके बाद ही कुछ कह सकते हैं।
“गोविंद सिंह, सामान्य प्रशासन मंत्री’