भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर से बचाव के लिए प्रदेश की अधिक से अधिक जनसंख्या को जल्द से जल्द वैक्सीनेशन का सुरक्षा चक्र प्रदान कर दिया जाएगा। तीसरी लहर का सामना करने के लिए अस्पतालों के संसाधनों में लगातार वृद्धि की जा रही है। मुख्यमंत्री चौहान कोविड-19 वैक्सीनेशन महाअभियान के संबंध में धर्म गुरूओं सहित जिलों के गणमान्य नागरिकों को निवास से वर्चुअली संबोधित कर रहे थे। अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान ने वैक्सीनेशन तथा प्रदेश में तीसरी लहर का सामना करने के लिए जारी तैयारियों पर प्रस्तुतिकरण दिया।
21 जून को 14 लाख वैक्सीन होंगी उपलब्ध
वर्चुअल बैठक में जानकारी दी गई कि 21 जून को वैक्सीनेशन महाअभियान के लिए प्रदेश में 7 हजार वैक्सीनेशन केन्द्र बनाए जाएँगे। इन केन्द्रों का व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित किया जाएगा ताकि लोग 21 जून को आसानी से वैक्सीनेशन के लिए इन केन्द्रों पर पहुँच सके। प्रदेश के दूरस्थ अंचलों तक वैक्सीन पहुँचाने की प्रक्रिया आरंभ हो गई है। सीधी, सिंगरौली जैसे दूरस्थ जिलों में समय रहते वैक्सीन की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। लक्ष्य यह है कि 21 जून को 14 लाख वैक्सीन प्रदेश के केन्द्रों पर उपलब्ध हो। वैक्सीन महाअभियान में 10 लाख टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया है। महाअभियान के लिए वातावरण निर्माण इस प्रकार से हो कि वैक्सीनेशन की संख्या 10 लाख से अधिक हो।
प्रधानमंत्री मोदी से आग्रह के परिणाम स्वरूप मिली अतिरिक्त वैक्सीन
अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुख्यमंत्री चौहान द्वारा आग्रह के परिणाम स्वरूप प्रदेश में वैक्सीन की आपूर्ति बढ़ी है। आगामी 10 दिन के लिए प्रदेश को 50 लाख वैक्सीन मिल रही हैं। यह प्रदेश के लिए बड़ा अवसर है। हमें सुनिश्चित करना है कि इतनी बड़ी संख्या में प्राप्त हो रही वैक्सीन का समय रहते उपयोग हो। यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि वैक्सीन की वेस्टेज न हो। एक वॉइल में 11 डोज रहती हैं, एक वॉइल से 10 व्यक्तियों के टीकाकरण की व्यवस्था है। हमारा प्रयास हो कि एक वॉइल से 11 लोगों का वैक्सीनेशन किया जाए।
वैक्सीनेशन सेंटरों का व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित किया जाए
प्रस्तुतिकरण में जानकारी दी गई कि वैक्सीनेशन अभियान 21 जून के बाद निरंतर जारी रहेगा। जिन गाँवों, वार्डों में वैक्सीनेशन पूर्ण होगा वहाँ से वैक्सीनेशन सेंटरों का स्थान परिवर्तन किया जाएगा। यह ध्यान रखना आवश्यक है कि जहाँ अगला वैक्सीनेशन सेंटर स्थापित किया जा रहा है, उसका प्रचार-प्रसार क्षेत्र में व्यापक रूप से किया जाए। इससे जन-सामान्य को वैक्सीनेशन सेंटर पहुँचने में आसानी होगी और वैक्सीनेशन डोज वेस्ट भी नहीं होंगे।
वैक्सीनेशन के तय प्रोटोकॉल का ध्यान रखा जाए
वैक्सीनेशन के तय प्रोटोकॉल का ध्यान आवश्यक रूप से रखा जाए। वैक्सीनेशन के बाद आधा घंटा आराम कराना आवश्यक है, इस व्यवस्था का पालन किया जाए। सामान्य बुखार आने या अन्य लक्षणों पर भी नजर रखी जाए और आवश्यक सलाह दी जाए। इससे अनावश्यक भ्रम फैलने की स्थिति को रोका जा सकेगा। आवश्यकता होने पर रेफरल स्वास्थ्य संस्थाओं की सहायता ली जाए।
राज्य सरकार वायरस के नए वैरिएंट के संबंध में सतर्क
कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की संभावनाओं के संबंध में प्रस्तुति बताया गया कि अगले एक माह में हमें तीसरी लहर का सामना करना पड़ सकता है। कोविड अनुकूल व्यवहार यदि नहीं रखा गया तो निश्चित है कि कोरोना के प्रकरण बढ़ेंगे। कोरोना का वायरस अभी गया नहीं है। अब डेल्टा प्लस वेरिएंट की बात हो रही है। वायरस के प्रतिदिन नए वेरिएंट सामने आ रहे हैं। राज्य सरकार वायरस के नए वेरिएशन्स पर लगातार नजर रखे हुए है।
अस्पतालों के लिए 61 करोड़ रूपये की स्वीकृतियाँ जारी
राज्य शासन द्वारा आगामी परिस्थितियों के लिए लगातार तैयारी की जा रही है। जिला स्तर पर आई.सी.यू, एच.डी.यू, पीडियाट्रिक आई.सी.यू. और ओ.टी. बेड बढ़ाने के लिए लगभग 61 करोड़ रूपये की स्वीकृतियाँ जारी की जा चुकी हैं। उपकरणों आदि की आपूर्ति के लिए भी आदेश दिए जा चुके हैं। प्रयास यह है कि प्रदेश में जुलाई अंत तक आवश्यक अधोसंरचना स्थापित हो जाए।
112 ऑक्सीजन प्लांट और 7 हजार ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की व्यवस्था
प्रदेश में 112 ऑक्सीजन पी.एस.ए. प्लांट स्वीकृत हो गए हैं। आगामी 15 अगस्त तक लगभग सभी प्लांट क्रियाशील हो जाएंगे। बैठक में जिला कलेक्टर्स को निर्देश दिए गए कि वे इन ऑक्सीजन प्लांटस के लिए बिजली कनेक्शन की व्यवस्था पूर्व से ही सुनिश्चित कर लें ताकि प्लांटस के क्रियान्वयन में विलंब न हो। प्रदेश के विभिन्न जिलों को 4,500 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध कराए गए हैं। इसके अतिरिक्त भारत सरकार तथा अन्य स्त्रोतों से लगभग 2,500 कंसंट्रेटर और प्राप्त हो रहे हैं। जिलों को उनकी आवश्यकता के अनुसार कंसंट्रेटर उपलब्ध कराए जाएंगे। अत: जिला अस्पतालों के साथ-साथ सामुदायिक तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर भी ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध कराए जायें।
वॉक इन इंटरव्यू से करें रिक्त पदों की पूर्ति
मेडिकल कॉलेजों में रिक्त डॉक्टरों तथा चिकित्सा विशेषज्ञों के पदों की पूर्ति के लिए भी संभागायुक्तों को निर्देश दिए गए। इसके लिए वॉक इन इंटरव्यू की व्यवस्था आरंभ करने का सुझाव दिया गया। मेडिकल कॉलेजों में जुलाई तक नर्सेस की सभी रिक्तियाँ भर ली जाएँगी। इन्हें तत्काल कोविड संबंधी प्रशिक्षण देकर बच्चों के वार्ड तथा अन्य आवश्यक स्थानों पर इनकी सेवाएँ ली जाएँ।