रायपुर।
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार ने बेरोजगारी भत्ता देने के अपने चुनावी वादे को पूरा करने की कवायद तेज कर दी है। इसके लिए सभी जिलों से 18 से 40 वर्ष के युवाओं की जानकारी मांगी गई है। जिले में विभिन्न् माध्यमों से उपलब्ध कराए गए रोजगार के संबंध में भी जानकारी देने के लिए कहा गया है। राज्य के विभिन्न् विभागों की मदद से कौशल विकास तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार विभाग यह आंकड़े जुटा रहा है। नगरीय प्रशासन विभाग ने भी राज्य के सभी नगरीय निकायों के प्रमुखों को पत्र भेजकर जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। विभाग के संयुक्त संचालक बीपी काशी ने बताया कि निकायों से प्राप्त रिपोर्ट संबंधित विभाग को सौंप दी जाएगी।
अफसरों ने बताया जिलों को बेरोजगारों की संख्या के साथ जनवरी 2019 से अब तक विभिन्न् विभागीय, सामुदायिक व सामाजिक कार्यों में संलग्न किए गए युवाओं की जानकारी देने के लिए कहा गया है। साथ ही ऐसे लोगों की भी जनाकारी मांगी गई है, जिन्हें सरकार के विभाग, संस्थानों, निगम-मंडल व प्रतिष्ठानों में कई गतिविधियां मानदेय, पारिश्रमिक, प्रोत्साहन राशि या वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई गई जा रही है। बता दें कि कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में बेरोजगारों को 2,500 स्र्पये प्रति माह भत्ता देने का वादा किया है।
प्रदेश में पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या
जनवरी 2019 – 23,04618
नवंबर 2020 – 18,90620
बेरोजगारी दर
राष्ट्रीय स्तर : 10.8 फीसद
छत्तीसगढ़ : 3.0 फीसद
उच्च शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में अंतरविभागीय समिति
बेरोजगारी भत्ता देने के लिए सरकार ने करीब दो वर्ष पहले प्रदेश के उधा शिक्षा मंत्री उमेश पटेल की अध्यक्षता में 15 सदस्यीय अंतरविभागीय समिति का गठन किया है। इसमें पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव, श्रम मंत्री शिव डहरिया के साथ पंचायत, कृषि, वन और वित्त विभाग के सचिव सदस्य बनाए गए हैं। इनके साथ प्रमुख सचिव वाणिज्य उद्योग, श्रम, कौशल विकास, सचिव खेल युवा कल्याण, जीएडी, नगरीय प्रशासन और उधा शिक्षा भी रखे गए हैं।
22 महीने में घट गए चार लाख से ज्यादा बेरोजगार
सरकारी आंकड़ों के अनुसार जनवरी 2019 में राज्य में पंजीकृत बेरोजारों की संख्या करीब 23 लाख थी, जो नवंबर 2020 में घटकर 18 लाख 90 हजार रह गई। यानी 22 महीने में बेरोजगारों की संख्या में करीब चार लाख 13 हजार से ज्यादा की कमी आई है। बता दें कि दिसंबर 2018 में भूपेश्ा बघेल ने मुख्यमंत्री के रूप में प्रदेश की सत्ता की बागडोर संभाली थी।