
ग्वालियर| जूडा की शनिवार को भी हड़ताल जारी रही। अब जूडा के समर्थन में सीनियर रेजीडेंट भी उतर आए हैं। जिस कारण जयारोग्य अस्पताल में में मरीज बेहाल हो रहे हैं। वहीं हाईकोर्ट के आदेश के बाद लगातार शासन व जिला प्रशासन जूडा पर वापस लौटने का दबाव बना रही है।इससे जूनियर डॉक्टर काफी नाराज हैं। शनिवार को जूनियर डॉक्टरों ने जगह-जगह पोस्टर भी चिपकाए हैं “मूंगफली में दाना नहीं, तुम हमारे मामा नहीं”।इसके अलावा
सरकार को वह फूल वापस लौटाए हैं जो कोरोना की पहली लहर में उन्हें कोरोना वॉरियर्स घोषित करते समय हेलीकॉप्टर से बरसाए गए थे। साथ ही कोरोना वॉरियर्स के सार्टिफिकेट भी लौटाए हैं। इसके साथ-साथ थालियां बजाकर सरकार को नींद से जगाने का प्रयास किया है।
शनिवार को जूडा की अनिश्चित कालीन हड़ताल का पांचवा दिन था । शासन के दबाव के बाद लगा था कि जूडा कमजोर पड़ जाएगा, लेकिन जूनियर डॉक्टर पांचवे दिन पहले से भी ज्यादा आक्रामक नजर आए हैं। बीती रात से ही सीनियर रेजीडेंट भी उनके समर्थन में उतर आए। इसका व्यापक असर जयारोग्य अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाओं पर देखने को मिला है। मरीज परेशान होते नजर आए। इसके साथ ही शनिवार को जूडा ने विरोध प्रदर्शन कर नारेबाजी की।
जूडा के अध्यक्ष डॉ. देवेन्द्र शर्मा ने बताया कि शासन कोर्ट का आदेश दिखाकर हमें डराना चाह रही है। पर वह खुद समझे कि शासन हमारे साथ धोखाधड़ी कर रहा है। आपने ही वादा किया था कि 6 सूत्रीय मांगों को माना जाएगा। पर अब क्यों मुकर रहे हैं। डॉक्टरों की 6 में से एक मांग स्टायफंड में 24 फीसदी बढ़ोतरी किए जाने और हर साल मिलने वाला 6 प्रतिशत इंक्रीमेंट है। 2018 में यह देने की घोषणा की थी। तभी से अभीतक देने की डॉक्टर मांग कर रहे हैं।