दमोह ;भारतीय जनता पार्टी की उच्चस्तरीय बैठक के बाद भोपाल में निर्णय लिया गया और समीक्षा किया गया दमोह उपचुनाव में हार का मुख्य कारण क्या रहा? उसके बाद सिद्धार्थ मलैया को भारतीय जनता पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से हटा दिया गया है, उनके साथ वहां के 5 मंडल अध्यक्षों को भी निलंबित कर दिया गया है। जयंत मलैया परिवार की बगावत की वजह से जयंत मलैया को भी नोटिस दिया गया है ,उसमें उनसे पूछा गया है आपने पार्टी का सहयोग क्यों नहीं किया ? जबकि भिन्न पदों पर भारतीय जनता पार्टी के द्वारा आपको नवाजा गया, आप मंत्री भी रहे फिर भी अपनी गृह जिले और नगर की सीट नहीं बचा पाए। अब देखना होगा की जयंत मलैया पार्टी छोड़ते हैं या भारतीय जनता पार्टी की उच्च स्तरीय कार्यकारिणी को अपना जवाब पेश करेंगे। वैसे तो देखा जाए तो भारतीय जनता पार्टी को जयंत मलैया परिवार की उपेक्षा करने का ही परिणाम दमोह चुनाव में भुगतना पड़ा है। इस बात को भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष बीडी शर्मा और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी समझना चाहिए । अब आने वाला समय ही बताएगा कि दमोह में या जिले में किस पार्टी का राज रहेगा। भारतीय जनता पार्टी के लिए सोचने का विषय दमोह जिला में पैदा हो गया है।
विधायक निर्मला सप्रे को सदन में अपने साथ नहीं बैठाएगी कांग्रेस, शीतकालीन सत्र में सदस्यता पर हो सकता है फैसला
भोपाल। मध्य प्रदेश के सागर जिले की बीना विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक निर्मला सप्रे की सदस्यता को लेकर भले ही अभी कोई फैसला ना हुआ हो, लेकिन कांग्रेस ने यह…