दमोह :उपचुनाव की मतगणना रविवार को पॉलीटेक्निक कॉलेज में सुबह 8 बजे से शुरू हो गई। कांग्रेस ने शुरुआती बढ़त बना ली है। मतगणना 26 राउंड में होगी और दोपहर 1 बजे बाद तक स्थिति साफ हो सकती है। यहां दमोह में दो महिलाओं समेत 22 प्रत्याशी मैदान में हैं। यहां बीजेपी की तरफ से राहुल सिंह लोधी और कांग्रेस की तरफ से अजय टंडन चुनाव मैदान में हैं। टंडन फिलहाल आगे हैं।
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सुबह 11 बजे तक जिन ग्रामीण क्षेत्रों में गिनती हुई, वहां पिछड़ने से भाजपा की टेंशन बढ़ गई है। शहरी क्षेत्र में पहले से ही कैंडिडेट राहुलसिंह का विरोध सुर्खियों में रहा है।
सुबह 10:45 बजे ईवीएम की गिनती में दूसरे राउंड के बाद कांग्रेस के अजय टंडन 1480 वोटों से आगे चल रहे हैं। पहले राउंड में 700 मतों से आगे थे। अब दूसरे राउंड में 780 मतों की बढ़त ले ली है। इसमें पोस्टल बैलट शामिल नहीं है।
कुल 289 बूथ हैं। इनमें से 1 से 67 तक ग्रामीण बूथ हैं। फिर 68 से 180 तक शहरी बूथ हैं। उसके बाद 181 से 289 तक फिर से ग्रामीण बूथ हैं।
10 बजे पहले राउंड का रुझान आया। इसमें कांग्रेस के अजय टंडन 1600 वोटों से कांग्रेस आगे चल रहे हैं। ईवीएम में वह 700 वोटों से आगे हैं। इसमें बैलेट पेपर भी शामिल हैं।
पोस्टल बैलेट की काउंटिंग, फिर शुरू होगी ईवीएम की गणना।
9 बजे ईवीएम की काउंटिंग शुरू हो गई।
मतगणना के पहले राउंड की टेबल।
सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मास्क भी
स्ट्रांग रूम में प्रेक्षक, कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक और तमाम निर्वाचन संबंधित अधिकारी, प्रत्याशी और उनके एजेंट मौजूद हैं। सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मास्क, थर्मल स्क्रीनिंग की गई। पुलिस अधीक्षक हेमंत चौहान के निर्देशन में पुलिस व्यवस्था तैनात है।
17 अप्रैल को हुए थे चुनाव
गौरतलब है, दमोह विधानसभा सीट पर 17 अप्रैल को चुनाव हुए थे। इसमें कुल 59.81% मतदाताओं ने मताधिकार का उपयोग किया था। कोरोना काल में हुए इस उपचुनाव में 2018 के विधानसभा चुनाव के मुकाबले करीब 15% कम मतदान हुआ। 2,39,808 मतदाताओं वाली इस सीट में कुल 359 मतदान केंद्रों में वोट डाले गए थे।
दोनों ही पार्टियों ने झोंक दी थी ताकत
बता दें कि दमोह उपचुनाव में भाजपा और कांग्रेस ने प्रचार के दौरान पूरी ताकत झोंक दी थी। बीजेपी की ओर से सीएम शिवराज सिंह चौहान चार बार दमोह में आम सभा संबोधित करने पहुंचे थे। साथ ही, कई कैबिनेट मंत्री और विधायक-सांसद भी चुनाव प्रचार के लिए दमोह आए थे। इसी तरह कांग्रेस की तरफ से भी पूर्व सीएम कमलनाथ तीन बार दमोह आए। कांग्रेस के कई दिग्गज नेता भी प्रचार करने पहुंचे थे। कांग्रेस प्रत्याशी अजय टंडन के कोरोना पॉजिटिव होने के बाद उनकी बेटी मैदान में प्रचार करने उतरी थीं।
11 कर्मचारियों की रिपोर्ट पॉजिटिव
मतगणना में शामिल होने वाले 4 सौ से ज्यादा अधिकारी, कर्मचारी और जनप्रतिनिधियों ने कोविड की जांच कराने में लापरवाही बरती। तकरीबन 210 सदस्य ही जांच कराने के लिए पहुंचे, जिनमें से 11 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। सवाल यह है कि मतगणना में 375 से ज्यादा लोगों की ड्यूटी स्पष्ट तौर पर लगाई गई है, बाकी के लिए रिजर्व में रखा गया है, लेकिन इसके बाद भी जांच करने में लोगों ने लापरवाही बरती। ऐसे में कौन सा कर्मी पॉजिटिव है या निगेटिव है यह पता नहीं चल पाया है।
दरअसल, आयोग की ओर से जो गाइड लाइन जारी गई थी, उसमें उल्लेख किया गया था कि मतगणना स्थल में प्रवेश करने वालों को पहले कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट या फिर दो टीके लगने का प्रमाण पत्र दिखाना होगा।
जिन 11 लोगों की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। उसमें एक सपाक्स पार्टी का प्रत्याशी भी शामिल हैं। इसके अलावा बीजेपी का एक पूर्व पार्षद भी शामिल है। पॉजिटिव निकले सभी सदस्यों को मेडिकल टीम ने सूचना देकर होम आइसोलेट होने होने का सुझाव दिया है।
प्रत्याशियों के जीत के दावे
भाजपा प्रत्याशी राहुल सिंह का कहना है कि शहर की जनता ने विकास के मुद्दे पर भाजपा को चुना है। मेडिकल कॉलेज एक बड़ी उपलब्धि मिली है। आने वाले समय में लोगों के लिए यह वरदान साबित होगी। जिस हिसाब से ग्रामीण अंचलों में वोटिंग हुई है। उससे हमारी जीत पक्की है। हम 4 से 5 हजार वोटों से जीत रहे हैं।
वहीं, कांग्रेस प्रत्याशी अजय टंडन का कहना है कि यह चुनाव शहर की जनता के मान और सम्मान का चुनाव था। जनता ने टिकाऊ और बिकाऊ के मुद्दे को स्वीकार किया है। हमने घर-घर जाकर वोट मांगा है। लोगों ने मुझे भरपूर प्यार दिया है। इसलिए हमारी पार्टी ढाई से 3000 वोटों से जीत रही है।
2018 राहुल सिंह से हारे से मलैया
2018 में बीजेपी प्रत्याशी जयंत मलैया बहुत कम अंतर से हारे थे। पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया को 2018 के विधानसभा चुनाव में 78,199 वोट मिले, जबकि कांग्रेस के राहुल सिंह लोधी को 78997 वोट मिले थे। वहीं, 2013 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की ओर से जयंत मलैया को जीत मिली थी, लेकिन यह जीत महज 5000 वोट से ही मिली थी। इसी तरह, 2008 के विधानसभा चुनाव में भी जयंत मलैया मात्र 130 वोटों से ही जीते थे। इस चुनाव में हार जीत में सिर्फ 0.1 फ़ीसदी वोटों का ही अंतर रहा।