देश में कोरोना बेकाबू हो चुका है। बीते 24 घंटों में देश में रिकॉर्ड 2,00,739 नए केस सामने आए हैं। यह महामारी फैलने के बाद का एक दिन का अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। वहीं इस दौरान 1,038 मरीजों की मौत हुई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, देश में कोरोना के कुल मरीजों की संख्या अब 1,40,74,564 पहुंच गई है। रोज के रिकॉर्ड केस के चलते स्वास्थ्य सेवाएं नाकाफी साबित हो रही हैं। लोग मर रहे हैं। संक्रमितों को समय पर इलाज नहीं मिल पा रहा है। राज्य सरकारें खुद को असहाय महसूस कर रही हैं। ऐसे में देश के नामी डॉक्टरों ने केंद्र सरकार को सलाह दी है कि देश में कोरोना की चैन को तोड़ने है तो लॉकडाउन ही विकल्प है। भारत में मेदांता अस्पताल चेन के अध्यक्ष, कार्डियोवास्कुलर और कार्डियोथोरेसिक सर्जन नरेश त्रेहन समेत अन्य डॉक्टरों ने कहा है, कोरोना वायरस के नए रूप को रोकने का मजबूत तरीका जल्द से जल्द लॉकडाउन लगाना है। डॉक्टरों का कहना है, जिस तरह से महाराष्ट्र ने एक निर्णय लिया है, दूसरे राज्यों को भी तेजी से कदम उठाना चाहिए क्योंकि समय बहुत कीमती है। स्थिति भयावह होती जा रही है। वायरस के विभिन्न नए वैरियंटों ने दोगुनी गति से कोरोना का प्रसार किया है।
दिल्ली में आज हो सकता है लॉकडाउन जैसी पाबंदियों पर फैसला
राजधानी दिल्ली भी उन राज्यों में शामिल हैं जहां कोरोना महामारी ने हालता बिगाड़ दिए हैं। यहां अब तक लॉकडाउन नहीं लगा है, लेकिन गुरुवार को इस संबंध में फैसला हो सकता है। गुरुवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली के उपराज्यपाल के साथ अहम बैठक करेंगे। माना जा रहा है कि इस बैठक में दिल्ली में भी मुंबई जैसी पाबंदियांल लगाने पर फैसला हो सकता है।