नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) ने जम्मू और कश्मीर (J & K) में अलगाववादी राजनीति के जाने और विशेष राज्य के दर्जे को खत्म करने की जानकारी कक्षा 12 राजनीति विज्ञान की पाठ्यपुस्तक के अध्याय में संशोधित की है.
बता दें कि 12वीं में पॉलिटिकल साइंस की किताब में क्षेत्रीय आकांक्षाएं विषय का अध्याय है. इसी अध्याय में अनुच्छेद 370 के बारे में लिखा गया है. इसमें बताया गया है कि अनुच्छेद 370 के चलते ही जम्मू-कश्मीर के लोगों दोहरी नागरिकता मिलती थी. पड़ोसी देश पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा देता रहा. फिर कैसे साल 1990 में कश्मीरी पंडितों को कश्मीर से जाना पड़ा और फिर राज्य सरकारें अलगाववाद की राजनीति से आतंकवाद को बढ़ावा देती रहीं.
किताब के इस संसोधित अध्याय में ये जानकारी भी दी गई है कि कश्मीर में सलों तक तनाव की स्थिति बनी रही. 1947 में आजादी से पहले कश्मीर के एक बड़े हिस्से को पाकिस्तान ने जबरदस्ती कब्जा कर लिया. इसे पाकिस्तान के कब्जे वाला या पाक अधिकृत कश्मीर कहते हैं.
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जबकि यह मूल रूप से भारत का अंग है. भाजपा सरकार ने एक देश एक कानून के तहत अनुच्छेद 370 को हटाया है. अब जम्मू-कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश हैं. संशोधित अध्याय में अब यूनाइटेड नेशन के 1948 के रेजोल्यूशन के बारे में भी बताया गया है. बता दें कि इस रेजोल्यूशन में जम्मू-कश्मीर में एक स्वतंत्र और निष्पक्ष जनमत संग्रह की सिफारिश की गई थी.
इसके अलावा, एनसीईआरटी ने कश्मीर में शांति टॉपिक पर बने एक राजनीतिक कार्टून को भी अध्याय से हटा दिया है जिसमें गोलियों से भरे एक कबूतर को दर्शाया गया था. फारूक अब्दुल्ला की सरकार को बर्खास्त करने पर पूर्व जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल बीके नेहरू का एक उद्धरण (जिसमें था कि कश्मीरियों को अपने चुने हुए नेता की दूसरी टुकड़ी में विश्वास हो गया था कि भारत उन्हें कभी खुद पर शासन करने की अनुमति नहीं देगा) को भी अब अध्याय से हटा दिया गया है.
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