
पाकिस्तान की ओर से किए गए संघर्ष विराम उल्लंघन के बाद सीमा पर हालात तनाव पूर्ण बने हुए हैं। रविवार को डीजीएमओ की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई। जिसमें भारतीय थल सेना के महानिदेशक सैन्य अभियान लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई, भारतीय वायु सेना के महानिदेशक वायु अभियान एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती और भारतीय नौसेना के महानिदेशक वाइस एडमिरल एएन प्रमोद शामिल हुए।

सेना अधिकारियों की ओर से पाकिस्तान के उपर की गई कार्रवाई के तस्वीरें जारी की गई है। सैन्य अधिकारियों ने बताया कि हमने इन ठिकानों की सटीक पहचान की और इनके सबूत वापस लाने की प्रॉसेस भी सुनिश्चित की। सीमा पार 9 ठिकानों पर हमने 100 आतंकवादी मारे। हमने कंधार हाईजैक और पुलवामा हमले में शामिल तीन बड़े आतंकी चेहरे मार गिराए। 9 में से 6 टारगेट एयरकैंप को दिए गए। इनमें बहावलपुर और मुरीदके के आतंकी कैंप भी शामिल थे।
डायरेक्टर जनरल ऑफ एयर ऑफरेशन एयरमार्शल भारती ने बताया, मुरीदके के आतंकी कैंप में हवा से सतह पर मार करने वाली चार टारगेटेड मिसाइल से हमला किया और उन्हें तबाह कर दिया गया। ऑपरेशन सिंदूर साफ तौर पर आतंकवाद के साजिशककर्ताओं और उनके ठिकानों को तबाह करने के लिए किया गया था।
एयरमार्शल भारती ने बताया, मुरीदके के आतंकी कैंप के बाद बहावलपुर ट्रेनिंग कैंप में कई इन्फ्रास्ट्रक्चर को चुना, जहां आतंकवाद को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया जा सकता था। इन दो आतंकी ठिकानों को हमने निशाना बनाया और इन्हें तबाह किया। हमने आतंकियों और आतंकी अड्डों को निशाना बनाया। पाकिस्तानी सेना और किसी और इन्फ्रास्ट्रक्चर को टारगेट नहीं किया।
एयरमार्शल भारती ने बताया, हमने उसी रात उनके लाहौर और गुजरांवाला स्थित रडार सिस्टम को निशाना बनाया। हम उन्हें यह बताना चाहते थे कि उनके सैन्य ठिकाने हमारी पहुंच से दूर नहीं थे। 8-9 मई को पाकिस्तान ने ड्रोन और एयरक्राफ्ट से हमारे बॉर्डर पर हमला किया था और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की उनकी ज्यादातर कोशिशें नाकाम रहीं। 8-9 मई की रात श्रीनगर से नलिया तक ड्रोन और एयरक्राफ्ट से हमला हुआ।

रहीमयार खान एयरबेस
रहीमयार खान एयरबेस पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के दक्षिण क्षेत्र में स्थित है। ये एयरबेस पाकिस्तानी एयर फोर्स का सक्रिय सैन्य हवाई अड्डा नहीं है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा होने की वजह से इसका महत्व काफी अलग है। यह हवाई अड्डा नागरिक उड़ानों के लिए इस्तेमाल होता है और पाकिस्तान सिविल एविएशन अथॉरिटी की तरफ से संचालित किया जाता है।

सरगोधा एयरबेस
पाकिस्तान एयरफोर्स का सरगोधा एयरबेस मियांवाली जिले में मौजूद है। इसे पाकिस्तान की एयर डिफेंस की रीढ़ माना जाता है। भारतीय सेना के हमले में बड़े पैमाने पर मिसाइल और बमबारी से रडार यूनिट्स नष्ट हो गई थी। ऐसे भी माना जा रहा है कि, बेस पर मौजूद कई विमानों की भी नुकसान पहुंचा था।

चकलाला एयरबेस
ये एयरबेस पाकिस्तान वायुसेना की लाइफलाइन है, इसे नूर खान एयरबेस के नाम से भी जाना जाता है। इसका नाम पाकिस्तानी एयरफोर्स के पूर्व प्रमुख एयर मार्शल नूर खान के नाम पर रखा गया है। ये ज्यादातर वीआईपी मूवमेंट और लॉजिस्टिक्स ऑपरेशन के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

चुनियांन एयरबेस
यह पाकिस्तान एयरफोर्स (पीएएफ) का एक प्रमुख ऑपरेशनल एयरबेस है। यह एयरबेस पंजाब प्रांत के चुनियांन शहर के पास स्थित है, जो लाहौर से लगभग 70 किलोमीटर दक्षिण की ओर है। यह एयरबेस पाकिस्तान की हवाई सुरक्षा प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है।

पसरूर एयरबेस (सीमा के पास)
पसरूर एयरबेस रडार इंटरसेप्शन और लॉजिस्टिक सपोर्ट में पाकिस्तान सेना की मदद करता है। भारतीय सेना के हमले में यहां भारी नुकसान हुआ था। हमले में बेस का रनवे और डिपो तबाह हो गया था।
इन सैन्य ठिकानों पर जवाबी कार्रवाई:
चकलाला | (एलओसी से 100 किमी) |
मुरीद | (एलओसी से 160 किमी) |
रफीकी | (फजिल्का से 175 किमी) |
रहीमयार खान | (जैसलमेर से 180 किमी) |
सुक्कूर | (जैसलमेर से 225 किमी) |
चुनियांन | (फिरोजपुर से 62 किमी) |
पसरुर की रडार साइट | (गुरुदासपुर से 75 किमी) |
सियालकोट एविएशन बेस | (सांबा से 55 किमी) |
(ये सभी आंकड़े भारत के सीमावर्ती जिलों से एरियल माप के आधार पर हैं।)
कराची पोर्ट पर हमला करने के लिए तैयार थी भारतीय नौसेना-वाइस एडमिरल एएन प्रमोद
डायरेक्टर जनरल ऑफ नेवल ऑपरेशन वाइस एडमिरल एएन प्रमोद ने बताया कि भारतीय नौसेना 9 मई की रात पाकिस्तान की समुद्री सीमा में उसके सैन्य प्रतिष्ठानों, कराची बंदरगाह सहित उसकी जमीन पर चुनिंदा लक्ष्यों को निशाना बनाने और उन्हें तबाह करने के लिए पूरी तरह तैयार थी, सिर्फ उसे भारत सरकार के निर्देश का इंतजार था। पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों पर किए गए कायरतापूर्ण हमलों के बाद, भारतीय नौसेना ने अपने जवानों, युद्ध पोतों, पनडुब्बियों और लड़ाकू विमानों को तुरंत पूर्ण युद्ध तत्परता के साथ समुद्र में तैनात कर दिया था। हमने आतंकवादी हमले के 96 घंटों के भीतर अरब सागर में अपने हथियारों और जंगी जहाजों की तैयारियों को परखा और हमारे बल उत्तरी अरब सागर में दुश्मन के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई के लिए पूरी तत्परता और क्षमता के साथ तैनात रहे, ताकि हमारे द्वारा चुने गए समय पर कराची सहित समुद्र और जमीन पर दुश्मन के चुनिंदा लक्ष्यों पर हमला किया जा सके।