
गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर केंद्र सरकार ने 2025 के लिए पद्म पुरस्कारों की घोषणा कर दी है। इसमें खेल जगत के दिग्गजों के नाम का भी एलान किया गया है। पूर्व भारतीय स्पिनर रविचंद्रन अश्विन को पद्म श्री सम्मान से नवाजा जाएगा। वहीं, भारतीय हॉकी टीम के पूर्व गोलकीपर पीआर श्रीजेश को पद्म भूषण से सम्मानित किया जाएगा।
पीएम मोदी ने दी बधाई
पद्म पुरस्कारों के एलान के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर सम्मानित लोगों को बधाई दी है। उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा, ‘सभी पद्म पुरस्कार विजेताओं को बधाई! भारत को उनकी असाधारण उपलब्धियों का सम्मान करने और उनका जश्न मनाने पर गर्व है। उनका समर्पण और दृढ़ता वास्तव में प्रेरणादायक है। प्रत्येक पुरस्कार विजेता कड़ी मेहनत, जुनून और नवाचार का पर्याय है, जिसने अनगिनत जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया है। वे हमें उत्कृष्टता के लिए प्रयास करने और निस्वार्थ भाव से समाज की सेवा करने का मूल्य सिखाते हैं।’
पीआर श्रीजेश
भारतीय हॉकी टीम की दीवार कहे जाने वाले पीआर श्रीजेश ने पिछले साल पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने के बाद संन्यास का एलान किया था। फिलहाल वह जूनियर पुरुष हॉकी टीम के मुख्य कोच हैं। 2010 विश्व कप में डेब्यू करने के बाद श्रीजेश भारत के लिए कई यादगार जीत का हिस्सा रहे हैं, जिसमें 2014 एशियाई खेलों में स्वर्ण और जकार्ता-पालेमबांग में 2018 एशियाड में कांस्य पदक शामिल है। वह 2018 में एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी की संयुक्त विजेता टीम के अलावा, भुवनेश्वर में 2019 एफआईएच पुरुष सीरीज फाइनल चैंपियन टीम में भी थे। इसके अलावा वह 2022 राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक और 2023 एशियाई चैंपियन ट्रॉफी जीतने वाली टीम का भी हिस्सा थे। 2022 एशियाई खेलों में उन्होंने भारत को स्वर्ण जीतने में मदद की थी। इसके बाद उन्होंने पेरिस ओलंपिक में भारत को कांस्य पदक दिलाया था। श्रीजेश को 2021 में खेल रत्न अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। वहीं, 2022 में वह साल 2021 के लिए सर्वश्रेष्ठ एथलीट चुने गए थे। श्रीजेश टोक्यो ओलंपिक और पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीतनी वाली हॉकी टीम की हिस्सा थे।
रविचंद्रन अश्विन
भारतीय टीम के महान स्पिनर रविचंद्रन अश्विन को पद्म श्री से नवाजा जाएगा। उन्हें हाल ही में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास का एलान किया था। अश्विन ने टेस्ट में भारत के दूसरे सबसे सफल गेंदबाज के तौर पर अपना करियर समाप्त किया। 106 टेस्ट मैचों में अश्विन ने 537 विकेट झटके और वह बस पूर्व स्पिनर अनिल कुंबले से पीछे थे जिन्होंने अपने टेस्ट करियर में 619 विकेट लिए हैं।
हरविंदर सिंह
पैरालंपियन तीरंदाज हरविंदर सिंह का भी नाम इस लिस्ट में शामिल है। उन्हें भी पद्म श्री के लिए चुना गया है। पेरिस पैरालंपिक में हरविंदर ने पुरुष रिकर्व के फाइनल मुकाबले में स्वर्ण पदक जीता था। यह तीरंदाजी में भारत का पहला पैरालंपिक स्वर्ण पदक है और साथ ही उनका दूसरा पैरालंपिक पदक भी है।
हरविंदर सिंह का जन्म 25 फरवरी 1991 को हरियाणा के कैथल में हुआ था। अजीत नगर के किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले हरविंदर जब डेड़ साल के थे तो उन्हें डेंगू हो गया था और इसके उपचार के लिए उन्हें इंजेक्शन लगाए गए थे। दुर्भाग्य से इन इंजेक्शन के कुप्रभावों से उनके पैरों की गतिशीलता चली गई। शुरुआती चुनौतियों के बावजूद वह तीरंदाजी में आ गए और 2017 पैरा तीरंदाजी विश्व चैंपियनशिप में डेब्यू में सातवें स्थान पर रहे। फिर 2018 जकार्ता एशियाई पैरा खेलों में स्वर्ण पदक जीतने में सफल रहे और कोविड 19 महामारी के कारण लगे लॉकडाउन में उनके पिता ने अपने खेत को तीरंदाजी रेंज में बदल दिया ताकि वह ट्रेनिंग कर सकें। हरविंदर ने टोक्यो पैरालंपिक में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया था। यह भारत का पहला तीरंदाजी पदक था। तीरंदाजी में सफलता के साथ वह अर्थशास्त्र में पीएचडी की डिग्री भी ले रहे हें। जून 2024 में पैरा तीरंदाजी विश्व रैंकिंग स्पर्धा में उन्होंने चेक गणराज्य में कांस्य पदक जीता था। इससे पहले अप्रैल 2024 में विश्व तीरंदाजी ओशिनिया 2024 पैरा ग्रैंड प्रिक्स में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में कांस्य पदक जीता था।
आई एम विजयन
भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान इनिवलाप्पिल मणि विजयन को पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। 25 अप्रैल 1969 को जन्मे विजयन ने भारत के लिए एक स्ट्राइकर के रूप में खेला। विजयन को तीन बार (1993, 1997 और 1999 ) साल का सर्वश्रेष्ठ भारतीय खिलाड़ी चुना गया था। उन्हें 2003 में अर्जुन पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।
सत्यपाल सिंह
पैरा एथलेटिक्स कोच सत्यपाल सिंह को भी पद्मश्री से नवाजा जायेगा जो खेलरत्न पुरस्कार पाने वाले पैरालंपिक स्वर्ण पदक विजेता ऊंची कूद के पैरा खिलाड़ी प्रवीण कुमार के कोच भी हैं। सत्यपाल ने कहा, यह सम्मान इतने सारे लोगों के मुझ पर किये गए भरोसे की वजह से मिला। मैं 2018 से प्रवीण कुमार के साथ हूं और इस पुरस्कार के लिये उसे बहुत श्रेय जाता है।