
सनातन धर्म में माघ मास का विशेष महत्व है। यह महीना पूरी तरह से मां गंगा को समर्पित है। इसलिए माघ महीने में प्रतिदिन गंगा स्नान का नियम है। इस महीने में गंगा स्नान करने से साधक को अमोघ और अक्षय फल की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही मौनी अमावस्या और माघ पूर्णिमा पर गंगा स्नान किया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि माघ पूर्णिमा पर गंगा स्नान करने और भगवान विष्णु व शिव की पूजा करने से साधक के जन्म-जन्मांतर के पाप धुल जाते हैं। साथ ही अश्वमेध यज्ञ के बराबर फल की प्राप्ति होती है। माघ पूर्णिमा पर कई शुभ योग बन रहे हैं। आइए जानते हैं शुभ मुहूर्त और योग-
माघ पूर्णिमा शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार माघ पूर्णिमा 11 फरवरी को शाम 06:55 बजे शुरू होगी। वहीं पूर्णिमा तिथि 12 फरवरी को शाम 07:22 बजे समाप्त होगी। सनातन धर्म में तिथि की गणना सूर्योदय से की जाती है। इसके लिए 12 फरवरी को माघ पूर्णिमा मनाई जाएगी। माघ पूर्णिमा पर चंद्रोदय का समय शाम 05:59 बजे होगा।
माघ पूर्णिमा शुभ योग
माघ पूर्णिमा पर सौभाग्य और शोभन योग बन रहा है। साथ ही अश्लेषा और मघा नक्षत्र का संयोग भी है। इसके साथ ही शिववास योग का भी संयोग है। इस योग में गंगा स्नान करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होगी।
पंचांग
सूर्योदय – प्रातः 07:02 बजे
सूर्यास्त- शाम 06:09 बजे
चंद्रोदय – शाम 05:59 बजे
ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 05:19 बजे से सुबह 06:10 बजे तक
विजय मुहूर्त- दोपहर 02:27 बजे से 03:11 बजे तक
गोधूलि मुहूर्त- शाम 06:07 बजे से शाम 06:32 बजे तक
निशिता मुहूर्त- रात 12:09 बजे से 01:01 बजे तक
माघ पूर्णिमा का धार्मिक महत्व
पौराणिक ग्रंथों के अनुसार माघ पूर्णिमा के दिन सभी देवी-देवताओं ने मानव रूप धारण कर प्रयागराज में गंगा-यमुना-सरस्वती की त्रिवेणी में स्नान किया था। इसलिए इस दिन अधिकांश श्रद्धालु त्रिवेणी में स्नान कर पुण्य कमाते हैं। इस दिन कई घरों में भगवान सत्यनारायण की कथा भी सुनी जाती है। इस दिन पितरों को तिल का तर्पण करने से उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है।