नई दिल्ली: संसद के शीतकालीन सत्र (Parliament Winter Session 2019) शुरू हो गया है. सत्र की शुरुआत में संसद के दोनों सदनों में दिवंगत केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली और सुषमा स्वराज को श्रद्धांजलि दी गई. राज्यसभा में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि अरुण जेटली का जाना केवल पार्टी के लिए बड़ी हानि नहीं हैं, उनका जाना पूरे देश के लिए अपूर्णीय क्षति है. लोकसभा में संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने कार्यवाही शुरू होने से पहले विपक्ष से कहा, ‘पीएम आश्वस्त हैं कि सरकार सभी मामलों पर चर्चा करने के लिए तैयार है. ‘ इसके बाद विपक्ष ने लोकसभा में हंगामा शुरू कर दिया.
– विपक्षी पार्टियों ने लोकसभा में नारेबाजी की, ‘विपक्ष पर हमला बंद करो, फारूक अब्दुल्ला जी को रिहा करो’
-आम आदमी पार्टी के सांसद भगवंत मान ने वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर से पूछा, क्या सरकार ये मानने के लिए तैयार है कि देश आर्थिक मंदी से गुजर रहा है.’
– विपक्ष सदन में किसानों के मुद्दे पर चर्चा की मांग कर रहा है. स्पीकर की तरफ से भी कहा गया कि सरकार हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है. इसके बाद सदन में प्रश्नकाल शुरू हो सका.
– विपक्ष ने सदन में नारेबाजी की, ‘झूठे केस वापस लो, वी वांट जस्टिस’ वहीं गोरखपुर से सांसद रविकिशन ने कलाकारों के लिए जीवन बीमा और अलग से कल्याण योजनाओं की बात कही.
इससे पहले संसद के शीतकालीन सत्र के शुरू होने से पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि 2019 का ये आखिरी सत्र बेहद महत्वपूर्ण है. इस संबंध में मैंने सभी दलों के नेताओं से बात की है. उम्मीद है कि पिछले सत्र की तरह ही इस बार भी बेहद सकारात्मक नतीजे निकलेंगे. आज से राज्यसभा का 250वां सत्र भी शुरू हो रहा है. ये सत्र देश के लिए जागरुकता अभियान बन सकता है.
इसके साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि 26 नवंबर को संविधान दिवस है. संविधान दिवस के 70 साल अपने आप में सदन के माध्यम से देशवासियों के लिए जागृति का अवसर बन सकता है. हर किसी की सक्रिय और सकारात्मक भूमिका के कारण गत सत्र अभूतपूर्व रहा. ये सिद्धि पूरे सदन की होती है. जैसे पिछली बार, सभी दलों के सहयोग के कारण, सभी सांसदों के सक्रिय सहयोग के कारण, गत सत्र अभूतपूर्व रहा. उसी तरह इस सत्र के सकारात्मक होने की उम्मीद है. सकारात्मक भूमिका के लिये सभी का आह्वान करते हैं. सभी मुद्दों पर खुलकर चर्चा चाहते हैं, उत्तम से उत्तम बहस हो ये आवश्यक है. वाद हो, विवाद हो, संवाद हो, बुद्धि शक्ति का प्रचुर मात्रा में इस्तेमाल करें.
27 बिल पेश किए जाएंगे
शीतकालीन सत्र 18 नवंबर से 13 दिसंबर तक चलेगा. इस दौरान केंद्र सरकार शीतकालीन सत्र में गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने के उद्देश्य से नागरिकता (संशोधन) विधेयक समेत 27 अहम बिल पेश करेगी. नागरिकता कानून में बदलाव के जरिए सरकार बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से धार्मिक उत्पीड़न के बाद भारत आकर बसे गैर-मुस्लिमों जैसे- हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन और पारसी समुदाय के लोगों को स्थाई नागरिकता देना चाहती है. मोदी सरकार ने पिछले कार्यकाल में भी नागरिकता विधेयक को संसद में पेश किया था, लेकिन विपक्षी दलों के विरोध के कारण इसे आगे नहीं बढ़ाया जा सका.