कोलकाता डॉक्टर रेप-मर्डर केस में लीपापोती करने के मामले में घिरी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममत बनर्जी इस्तीफा देंगी। दरअसल आरजी कर मेडिकल हॉस्पिटल रेप केस के खिलाफ हड़ताल पर बैठे जूनियर डॉक्टर के साथ नबन्ना के कॉन्फ्रेंस हॉल में होने वाली मीटिंग के लिए ममता बनर्जी दो घंटे तक डॉक्टरों का इंतजार करती रहीं, लेकिन बातचीत की लाइव स्ट्रीमिंग को लेकर डॉक्टर अड़े रहे और कॉन्फ्रेंस हॉल में जाने से इनकार कर दिया। इसके बाद देर शाम मीटिंग कैंसिल हो गई। इसके बाद एक महीने तक नहीं झुकने वाली ‘दीदी’ ने गुरुवार देर शाम अचानक इस्तीफे की पेशकश कर सभी के चौंका दिया।
ममता सरकार ने तीसरी बार डॉक्टरों को बातचीत के लिए बुलाया था। सरकार ने मीटिंग में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की उपस्थिति की डॉक्टरों की मांग को स्वीकार कर लिया था, लेकिन मीटिंग की लाइव स्ट्रीमिंग करने की उनकी शर्त को खारिज कर दिया और प्रदर्शन कर रहे 30 डॉक्टरों के प्रतिनिधिमंडल की जगह सिर्फ 15 की अनुमित देने का फैसला किया।
हालांकि मुख्य सचिव ने कहा कि गुरुवार को 15 की जगह 32 सदस्यों का प्रतिनिधिमंडल मीटिंग के लिए पहुंचा था, जिन्हें अनुमति भी दे दी गई। लेकिन डॉक्टर लाइव स्ट्रीमिंग को लेकर अड़ गए और कॉन्फ्रेंस हॉल के अंदर नहीं गए।
ममता ने हाथ जोड़कर लोगों से माफी मांगी
बातचीत फेल होने के बाद ममता बनर्जी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। ममता ने कहा कि आज मैंने प्रदर्शनकारी डॉक्टरों का दो घंटे इंतजार किया, लेकिन वे बातचीत के लिए तैयार नहीं हुए। मैं उन लोगों से माफी मांगना चाहती हूं जिन्हें लगा था कि आज डॉक्टरों और सरकार के बीच बैठक होगी और इस आंदोलन का हल निकलेगा। लोगों की खुशी के लिए मैं इस्तीफा देने को तैयार हूं।उन्होंने आगे कहा कि मैं भी आरजी कर मेडिकल कॉलेज के रेप-मर्डर केस में न्याय चाहती हूं। जूनियर डॉक्टर्स के काम रोक देने के चलते 27 लोगों की जान गई है, 7 लाख मरीजों की हालत खराब है। इसके बावजूद मैं डॉक्टर्स के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लूंगी, बड़े होने के नाते मैंने उन्हें माफ किया।
मुझे सीएम की कुर्सी नहीं चाहिए
सीएम ने कहा कि जब मामला विचाराधीन हो तो हम इस तरह मामले के बारीक विवरणों पर चर्चा नहीं कर सकते। इसलिए हमारे पास कार्यवाही को रिकॉर्ड करने की सुविधा थी। मैंने तय किया था कि हम मृतक पीड़िता और सीताराम येचुरी की याद में एक प्रस्ताव पारित करेंगे जो आज हमें छोड़कर चले गए। हम भी न्याय चाहते हैं लेकिन मामला अब हमारे पास नहीं है बल्कि सीबीआई के पास है। हम लाइव टेलीकास्ट के बारे में भी खुले दिमाग से सोचते हैं लेकिन मामला विचाराधीन होने के कारण कुछ कानूनी बाध्यताए हैं। उन्होंने कहा कि मैं आम लोगों के लिए न्याय की खातिर कुर्सी छोड़ने को भी तैयार हूं, लेकिन उन्हें न्याय नहीं चाहिए, उन्हें सिर्फ कुर्सी चाहिए। मुझे सीएम की कुर्सी नहीं चाहिए, बल्कि पीड़िता के लिए न्याय चाहिए।
तीन दिन में तीसरी कोशिश फेल
पिछले 3 दिनों में सरकार की ओर से डॉक्टरों के साथ बातचीत की यह तीसरी पहल थी। डॉक्टर्स ने पिछले दो प्रस्तावों को खारिज कर दिया था। उनकी 5 मांगें हैं। उन्होंने इस पर बातचीत के लिए 4 शर्तें रखी हैं। आरजी कर मेडिकल कॉलेज में रेप-मर्डर केस को लेकर जूनियर डॉक्टर्स 34 दिन से प्रदर्शन कर रहे हैं।
अगले 33 दिनों तक आंदोलन को तैयार हैं डॉक्टर्स
वहीं, आंदोलनरत जूनियर डॉक्टरों ने स्वास्थ्य भवन के सामने फिर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा, वे अगले 33 दिनों तक सड़कों पर रहेंगे। जूनियर डॉक्टरों ने कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों, यह सुनिश्चित करने के लिए कि इस घटना में जो लोग शामिल थे, जो लोग इस घटना पर पर्दा डालना चाहते थे, वे सजा चाहते थे। हम मुख्यमंत्री की कुर्सी पर भरोसा करके गये थे, लेकिन कोई हल नहीं निकला। डॉक्टरों ने साफ कहा कि उन्होंने कभी भी मुख्यमंत्री का इस्तीफा नहीं मांगा है। वे लोग न्याय और सुरक्षा की मांग कर रहे हैं।
बंगाल गवर्नर ने ममता बनर्जी पर साधा निशाना
इधऱ बंदाल गवर्नर सीवी आनंद बॉस ने भी सीएम ममता बनर्जी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि मैं भारत के संविधान के प्रति प्रतिबद्ध हूं। मैं बंगाल के लोगों के प्रति प्रतिबद्ध हूं। न्याय के लिए प्रदर्शन कर रहे लोगों के प्रति प्रतिबद्ध हूं। मेरी आकलन में सरकार अपने कर्तव्य में विफल रही है। माता-पिता और समाज की भावनाओं को शांत करने के लिए कर्तव्य में गृहमंत्री कानून और व्यवस्था बनाए रखने में विफल हुए हैं। राज्य में कानून का शासन सुनिश्चित करने में विफल हुए हैं। स्वास्थ्य मंत्री बुरी तरह विफल हुए हैं। यह विडम्बना है कि स्वास्थ्य मंत्री, गृहमंत्री, मुख्यमंत्री सुरक्षा करने के बजाय विरोध कर रहे हैं। आप कुछ लोगों को हमेशा के लिए और सभी लोगों को कुछ समय के लिए मूर्ख बना सकते है। सभी लोगों को हमेशा के लिए मूर्ख नहीं बना सकते।