
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सुरक्षा में तैनात 102 पुलसकर्मियों को हटाया जाएगा। इसके पीछे की वजह उनकी शारीरिक स्थिति और फायरिंग स्किल बताई जा रही है। इनकी जगह PAC, SDRF और विशेष सुरक्षा बलों में आरक्षी और मुख्य आरक्षी लेंगे। अन्य शाखाओं से पुलिसकर्मियों को सुरक्षा शाखा में लेने की प्रक्रिया को तेज कर दी गई।
राजभवन और मुख्यमंत्री की सुरक्षा में तैनात अधिकतर पुलिसकर्मी फायरिंग टेस्ट में फेल हो गए थे। साथ ही 23 अप्रैल को पीलीभीत में सीएम योगी आदित्यनाथ की जनसभा में एक कमांडो बेहोश हो गया था। बेहोश कमांडो को आनन फानन में हटाकर दूसरे कर्मी को उसकी जगह तैनात किया गया था। इसके बाद ही मुख्यमंत्री ने एक बड़ा निर्णय लेतेहुए आदेश किया था कि VIP सुरक्षा में 40 वर्ष से अधिक उम्र के पुलिसकर्मियों को तैनात नहीं किया जाएगा।
अतिरिक्त भत्ते के लिए सोर्स लगाकर पाते है तैनाती
VVIP सुरक्षा और बंदोबस्त ड्यूटी में रहने वाले सुरक्षाकर्मियों को 12500 रुपए अतिरिक्त भत्ता मिलता था। जिसे बढ़ाकर इस सरकार ने 25 हजार कर दिया है। यहीं कारण है कि वीवीआईपी सुरक्षा में लगे पुलिस वाले अपने मूल स्थान पर नहीं जाना चाहते है।