राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मोस्ट वांटेड प्रो-खालिस्तान एलिमेंट तरसेम संधू को अबू धाबी से भारत लाया है. गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत गिरफ्तार कर उसे शुक्रवार (9 अगस्त 2024) को भारत लाया. गिरफ्तार किया गया आरोपी लखबीर सिंह संधू उर्फ लांडा का भाई है, जो पंजाब के तरनतारन का रहने वाला है. बताया जा रहा है कि वह अभी कनाडा से काम कर रहा है. अधिकारियों ने बताया कि तरसेम सिंह बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) से जुड़ा है.
आरपीजी हमले का आरोपी है तरसेम संधू
एनआईए के मुताबिक, तरसेम संधू मई 2022 में पंजाब पुलिस इंटेलिजेंस मुख्यालय पर आरपीजी हमले और दिसंबर 2022 में तरनतारन के सरहाली पुलिस स्टेशन पर आरपीजी हमले की साजिश में शामिल रहा है. पाकिस्तान और अन्य देशों में ड्रग तस्करों, खालिस्तानी गुर्गों के साथ कथित तौर पर करीबी संपर्क रखने को लेकर एनआईए ने कई आरोपपत्रों में तरसेम का नाम लिया गया है.
तरसेम पर रेड कॉर्नर नोटिस जारी था
एनआईए के अनुसार तरसेम संधू विदेशों में स्थित गुर्गों के माध्यम से भारत में अपने सहयोगियों को आतंकवादी गतिविधियों, जबरन वसूली, सीमा पार हथियारों की तस्करी के लिए युवाओं को प्रेरित करने में शामिल है. तरसेम संधू के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया हुआ था.
एनआईए के अनुरोध पर सीबीआई ने 13 नवंबर 2023 को इंटरपोल जनरल सचिवालय से तरसेम संधू के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करवाया था. आरोपियों की लोकेशन और गिरफ्तारी के लिए सभी इंटरपोल सदस्य देशों को रेड नोटिस सर्कुलेट किया गया था. एनआईए के अनुसार, एक पूर्व गैंगस्टर, हरविंदर सिंह संधू उर्फ रिंदा अब एक बहुत महत्वपूर्ण बीकेआई सदस्य और खालिस्तानी ऑपरेटिव है.
ये है नया खालिस्तानी ऑपरेटिव
अधिकारी के अनुसार साल 2018-19 में हरविंदर सिंह संधू अवैध रूप से पाकिस्तान भाग गया और अभी आईएसआई के संरक्षण में रह रहकर भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों में शामिल है. वह पाकिस्तान से भारत में हथियारों, गोला-बारूद विस्फोटकों और दवाओं की तस्करी, बीकेआई कार्यकर्ताओं की भर्ती, हत्याएं, पंजाब और महाराष्ट्र राज्यों में जबरन वसूली के माध्यम से बीकेआई के लिए धन जुटाने जैसे कई अपराधों में शामिल है.