
18वीं लोकसभा के गठन के बाद देशभर की निगाहें आगामी बजट सत्र पर हैं। कहा जा रहा है कि 22 जुलाई से संसद का मानसून सत्र शुरू हो सकता है। इस बीच , संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने 21 जुलाई को सुबह 11 बजे सर्वदलीय बैठक बुलाई है। माना जा रहा है कि इसके ठीक अगले दिन से संसद के मानसून सत्र की शुरुआत हो सकती है। मानसून सत्र, 22 जुलाई से 9 अगस्त तक चल सकता है। मानसून सत्र के पहले दिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश कर सकती हैं।
एक संतुलित बजट बनाने की कोशिश
इस बार के बजट में चुनौती साहसिक पहल और राजकोषीय विवेक के बीच संतुलन बनाने की है। मोदी सरकार को लगातार तीसरी बार जनादेश सौंपा गया है। हाल ही में, भारत के कॉरपोरेट क्षेत्र के प्रतिनिधियों ने बैठक के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ व्यक्तियों पर आयकर का बोझ कम करने, पूंजीगत व्यय बढ़ाने और खाद्य मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के उपायों को लागू करने की वकालत की थी। सीतारमण के साथ बजट पूर्व चर्चा में उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने आर्थिक वृद्धि को बनाए रखने के लिए बुनियादी ढांचे के विकास पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) क्षेत्र को मजबूत करने के महत्व पर भी प्रकाश डाला, जो भारतीय अर्थव्यवस्था और रोजगार के प्रमुख स्रोत के लिए महत्वपूर्ण है।
आर्थिक सर्वेक्षण क्या है?
आर्थिक सर्वेक्षण देश की आर्थिक प्रगति का वार्षिक अवलोकन प्रदान करता है, महत्वपूर्ण चुनौतियों को उजागर करता है और संभावित समाधानों का सुझाव देता है। इस वर्ष का सर्वेक्षण मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ. वी. अनंत नागेश्वरन के मार्गदर्शन में तैयार किया जा रहा है।
अंतरिम बजट और पूर्ण बजट में क्या अंतर है?
अंतरिम बजट एक अस्थायी वित्तीय खाका है जिसे छोटी अवधि के लिए खर्चों को कवर करने के लिए डिजाइन किया गया है। आमतौर पर जब तक नई सरकार कार्यालय नहीं संभालती है तब तक के लिए अंतरिम बजट के जरिए खर्चों का प्रावधान किया जाता है। चूंकि वित्तीय वर्ष 31 मार्च को समाप्त हुआ और जून की शुरुआत में एक नई सरकार ने पदभार संभाला इसलिए इस अवधि के खर्चों के संचालन के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2024 अंतरिम बजट पेश किया था। इस बजट से यह सुनिश्चित किया गया कि उक्त अविधि में वित्तीय संचालन सुचारू रूप से जारी रहे। अब जब नई सरकार का गठन हो गया है, तो शेष वित्तीय वर्ष के लिए एक व्यापक बजट जुलाई में पेश किया जाएगा।
राजकोषीय घाटा क्या है?
राजकोषीय घाटा, एक वित्तीय वर्ष के भीतर सरकार के कुल राजस्व और उसके कुल व्यय के बीच के अंतर का प्रतिनिधित्व करता है। यह घाटा इस बात पर प्रकाश डालता है कि सरकार का खर्च उसकी कमाई से कितना अधिक है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि कुल राजस्व की गणना करते समय, उधार को बाहर रखा जाता है।