NEET Exam: देशभर में नीट यूजी परीक्षा के नतीजों को लेकर घमासान मचा हुआ है. इस बार परीक्षा के लिए 24 लाख कैंडिडेट्स ने रजिस्ट्रेशन किया था. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने नीट परीक्षा का आयोजन 5 मई को किया था और इसके नतीजे 4 जून को घोषित किए थे. इस साल 13.16 लाख स्टूडेंट ने नीट यूजी की परीक्षा पास की है. लेकिन नतीजे आने के बाद से ही परीक्षा पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं. तो चलिए जानते हैं आखिर ये सब क्यों हो रहा है.
इस बार कुल 67 उम्मीदवारों ने ऑल इंडिया रैंक 1 (AIR) हासिल की है. इन सभी कैंडिडेट्स को नीट परीक्षा 2024 में 720 में से 720 अंक और 99.9971285 पर्सेंटाइल मिला है. यही नहीं इस बार एक ही एग्जाम सेंटर से आठ स्टूडेंट को 720 में 720 अंक मिले हैं तो कुछ स्टूडेंट को एनटीए ने 718 और 719 ग्रेस मार्क्स बांटे हैं
सुप्रीम कोर्ट ने मांगा जवाब
इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया है. आरोप लगाया गया कि नीट यूजी 2024 में गड़बड़ी की गई और देश में प्रश्नपत्र लीक होने के कई मामले आए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने शिवांगी मिश्रा और अन्य द्वारा दाखिल याचिका को लंबित याचिका के साथ एनटीए को जल्द से जल्द जवाब दाखिल करने को कहा है. ऐसे में जानते है कि नीट परीक्षा की शुरुआत कब से हुई थी.
NEET परीक्षा की शुरुआत
देश में पहली बार नीट परीक्षा का आयोजन 05 मई 2013 को किया गया था. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी से पहले इस एग्जाम का आयोजन केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड यानी सीबीएसई करता था. सीबीएसई की तरफ से नीट परीक्षा का आयोजन साल 2018 तक कराया गया. साल 2019 से लेकर अब तक इस परीक्षा को कराने की जिम्मेदारी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के पास है.
नीट यूजी एग्जाम पूरे देश में मेडिकल कॉलेजों में MBBS और BDS कोर्स में दाखिले के लिए आयोजित होता है. नीट परीक्षा ने ऑल इंडिया प्री मेडिकल टेस्ट और राज्यों और कई मेडिकल कॉलेजों की तरफ से आयोजित होने वाली प्री-मेडिकल परीक्षाओं की जगह ली है.