हाय रे गरीबी! अंतिम संस्कार के लिए नहीं थे पैसे, पति ने बोरे में बंद कर पत्नी के शव को सड़क पर छोड़ा 

इंदौर। कहते हैं गरीबी इंसान से बहुत कुछ करा देती है. कई बार पैसों की तंगी के चलते लोग गलत रास्ते पर निकल जाते हैं और जुर्म की दुनिया को अपना लेते हैं. तो कई बार पैसे इंसान से ऐसा कुछ करा देती है, जिसके बारे में उसने कभी सोचा भी न हो. पैसों की तंगी से जुड़ा ऐसा ही एक मामला मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर से सामने आया है. यहां पुलिस को बोरे में एक महिला का शव मिला था. पुलिस ने जांच के बाद मामले का खुलासा करते हुए बताया कि महिला का पति उसके शव को सड़क पर छोड़कर चला गया था।

पुलिस ने 6 घंटे में सुलझाया बोरे में बंद शव का राज
इंदौर के चंदन नगर थाना क्षेत्र स्थित एक बोरे में महिला की लाश मिलने की सूचना से पहले हड़कंप मच गया था. जानकारी मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेजा. साथ ही पुलिस मामले की जांच में जुट गई. महज 6 घंटे में पुलिस ने पूरे घटनाक्रम का खुलासा कर दिया. जांच यह बात सामने आई कि आर्थिक तंगी और मजूरी के चलते पति ने पत्नी के शव को एक बोरे में बंद कर सड़क पर छोड़ दिया था. पति के पास अंतिम संस्कार के लिए पैसे नहीं थे, लिहाजा वह सड़क पर शव छोड़कर चला गया था.

पति को छोड़कर मदन के साथ रहने लगी थी आशा
पुलिस ने पति मदन की मुलाकात 10 साल पहले आशा से हुई थी. आशा ने अपने पति और बच्चे को छोड़ दिया था. इसके बाद वह अकेले ही गंगवाल बस स्टेशन पर रहती थी, गंगवाल बस स्टेशन पर मदन की आशा से मुलाकात हुई और मदन ने आशा को अपने साथ रहने की बात कही. जिस पर आशा मदन के साथ रहने लगी. तकरीबन 10 सालों तक दोनों पति-पत्नी की तरह साथ रहने लगे. मदन पुताई का काम करने लगा, तो वहीं आशा घर का व अन्य छोटे-मोटे काम कर जीवन यापन करने लगे. इसी दौरान अचानक आशा की पिछले दिनों तबीयत खराब हो गई, तो मदन ने उसकी बीमारी का इलाज करवाना शुरू किया, लेकिन तबीयत ज्यादा खराब होने पर आशा की मौत हो गई. मौत के 3 दिन तक मदन ने अपनी पत्नी आशा की लाश को घर में ही रखा, लेकिन इसी दौरान वह बदबू मारने लगा, तो आसपास रहने वाले पड़ोसियों ने मदन से पूछताछ शुरू की.

आर्थिक तंगी में सड़क पर छोड़ा पत्नी का शव
मदन ने पड़ोसियों को पत्नी की मौत की जानकारी नहीं दी. रविवार सुबह उसने आशा के शव को बोरे में बांधकर सड़क पर छोड़ दिया. मामले में एडिशनल डीसीपी आनंद यादव का कहना है कि ‘मदन की भी आर्थिक स्थिति खराब होने के साथ ही मानसिक स्थिति भी खराब है. इसी के चलते उसने इस तरह का कदम उठाया है. जब विभिन्न तथ्यों पर जांच पड़ताल की तो किसी तरह के कोई हत्या के सबूत पुलिस को नहीं मिले, तो पुलिस ने आगे बढ़कर मृतक आशा का पोस्टमार्टम करवाकर उसका अंतिम संस्कार भी पति मदन के साथ मिलकर करवाया.

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