लखनऊ। उत्तरप्रदेश के कौशांबी और प्रतापगढ़ लोकसभा सीट पर कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह ऊर्फ राजा भैया ने राजनीतिक हलचल बढ़ा दी है। उन्होंने मीडिया इंटरव्यू में अपने समर्थन को लेकर चुप्पी तोड़ी है।
बता दें, राजा भैया ने लोकसबा चुनाव में किसी भी पार्टी से गठबंधन ना होने के बाद अपने समर्थकों को अपने विवेक से वोट देने के लिए कह दिया है। फिलहाल उनकी पार्टी इस चुनाव में किसी भी पार्टी का समर्थन नहीं कर रही है। इसके पीछे का कारण उन्होंने स्पष्ट कर दिया है, लेकिन एक सवाल के साथ कि आगे चलकर वे किसको समर्थन दे सकते हैं !
उन्होंने एक मीडिया इंटरव्यू में कहा- “गठबंधन का दौर है, सभी दल अलायंस करते हैं। ये पॉलिटिकल नॉर्म हो गया है, लेकिन हमारा किसी से गठबंधन नहीं हो सका। ऐसे में कार्यकर्ता ये पूछ रहे थे कि क्या करना है? तो हमने ये फैसला लिया कि अगर गठबंधन नहीं होता है तो हम अपना कैंडिडेट नहीं लड़ाएंगे।”
उन्होंने आगे कहा- जब समर्थक ये पूछते हैं कि हमें मतदान कहां करना है, तो हमने कहा है कि आप लोगों की जहां इच्छा हो वहां वोट दीजिए।
हमारे दल को कोई लाभ नहीं : राजा भैया
वहीं भाजपा के साथ नाराजगी वाले सवाल पर कहा- हम किसी से नाराज नहीं है, लेकिन अपने कार्यकर्ताओं को किसी के प्रचार में लगा दें, फिर उनकी कोई पहचान न बने, तो इससे हमें और हमारे दल को कोई लाभ नहीं है। अमित शाह से मुलाकात को लेकर उन्होंने कहा कि हमारी उनसे बहुत अच्छी भेंट हुई, लेकिन तब तक नामांकन हो चुके थे। उसके बाद मुलाकात हुई थी। अब आगे देखते हैं।
हमने 6 बार बिना शर्त के भाजपा को दिया समर्थन
राजा भैया ने आगे कहा- हर दो साल पर विधान परिषद और राज्यसभा के चुनाव होते हैं। पिछले 6 बार से बीजेपी के कहने पर राज्यसभा और विधान परिषद दोनों में बिना शर्त के मतदान करते रहे हैं। हमारे अलावा जनसत्ता दल के एक और विधायक विनोद सरोज भी वोट करते रहे हैं। हमने कभी कोई शर्त नहीं रखी। कोई सौदेबाजी नहीं की, कोई नखरा नहीं दिखाया। हमने राष्ट्रपति के चुनाव में भी बीजेपी के प्रत्याशी को वोट दिया था। इस वजह से लोगों का मानना है, कि ये बीजेपी को वोट देते आ रहे हैं, तो बीजेपी को हमारे बारे में सोचना चाहिए।
वोट बैंक खुला छोड़ दिया है : राजा भैया
वहीं समाजवादी पार्टी को लेकर राजा भैया ने कहा कि कुछ तल्खियां आ गई थीं, लेकिन वक्त साथ अब दूर हो गई हैं। हमने अपनी पार्टी के वोटबैंक को खुला छोड़ दिया है। जिसको जरूरत हो वो जनता से मिले।