इंदौर, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इंदौर लोकसभा क्षेत्र से अपने उम्मीदवार के आखिरी क्षण में मैदान से हटने पर कांग्रेस पर कटाक्ष किया है. उन्होंने कहा कि ”अगर शादी से पहले दूल्हा भाग गया तो यह उनकी पार्टी की गलती नहीं है.” यह बात सीएम मोहन यादव ने बेटमा में भाजपा की प्रचार रैली में कही. सीएम ने कहा कि, ”कांग्रेस ने दावा किया कि भाजपा ने इंदौर में कुछ गलत किया, लेकिन इसमें हमारी गलती क्या थी? यह पूरे गांव को शादी की दावत में आमंत्रित करने और शादी समारोह से पहले दूल्हे के भाग जाने जैसा है.”
लोकतंत्र का अपमान कर रही कांग्रेस
दरअसल इंदौर में कांग्रेस को उस समय झटका लगा जब उनके उम्मीदवार अक्षय कुमार बम ने नाम वापसी की आखिरी तारीख 29 अप्रैल को अपना नामांकन वापस ले लिया और बाद में भाजपा में शामिल हो गए. उसके बाद से ही कांग्रेस, भाजपा पर हमलावर है. मुख्यमंत्री ने कहा कि ”विपक्षी दल, जिसका इंदौर में 13 मई को होने वाले चुनाव के लिए कोई उम्मीदवार नहीं बचा है, स्थानीय मतदाताओं से नोटा (उपरोक्त में से कोई नहीं) बटन दबाने की अपील करके लोकतंत्र का अपमान कर रहा है.”
बच्चे को संभालकर रखने की जिम्मेदारी किसकी
CM मोहन यादव ने कहा, “अगर किसी का बच्चा घर से भाग जाता है, तो इसमें गलती किसकी है? वे आपके बच्चे हैं, आपको उनकी देखभाल करनी चाहिए.” मोहन यादव ने भाजपा उम्मीदवार और मौजूदा सांसद शंकर लालवानी के समर्थन में इंदौर शहर में एक रोड शो में भाग लिया. विपक्ष के भारतीय गुट को “घमंडिया” गठबंधन करार देते हुए, यादव ने महाकाव्य रामायण और इसके कट्टर खलनायक रावण की राजधानी लंका शहर का हवाला दिया. मुख्यमंत्री ने रोड शो के दौरान कहा, “ये अहंकारी लोग 17 लाख साल पहले भगवान राम के समय में लंका में पैदा हुए थे. अपनी बुद्धि के दिवालियापन के कारण, उन्होंने सीता का अपहरण करने के लिए नकली भगवाधारी (भिक्षु) बनकर खुद को प्रस्तुत किया.”
इंदौरवासी लें संकल्प-लक्ष्मण रेखा पार नहीं करेंगे
मतदाताओं से नोटा चुनने की कांग्रेस की अपील को खारिज करने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा, ”मां सीता ने ‘लक्ष्मण रेखा’ पार करने की गलती की थी, लेकिन इंदौर के लोगों को संकल्प लेना चाहिए कि वे किसी भी परिस्थिति में लक्ष्मण रेखा पार नहीं करेंगे. इंदौर से आने वाले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी पर निशाना साधते हुए यादव ने कहा कि ”पिछले साल विधानसभा चुनाव में जिले की राऊ सीट पर भाजपा उम्मीदवार मधु वर्मा के हाथों हार झेलने के बाद पटवारी लोकसभा चुनाव लड़ने से डर रहे थे. दूसरी ओर, 80 साल के कुछ कांग्रेसी नेता भी चुनाव लड़ रहे हैं.” सीट बंटवारे के समझौते के तहत कांग्रेस द्वारा खजुराहो लोकसभा क्षेत्र समाजवादी पार्टी के लिए छोड़ने का जिक्र करते हुए यादव ने दावा किया कि ”इससे पता चलता है कि कांग्रेस चुनाव से डरती है.”