Adani Hindenburg Case Update: मार्केट रेगुलेटर सेबी ने अडानी ग्रुप की प्रमुख कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज समेत ग्रुप की 6 कंपनियों को कारण बताओ नोटिस भेजा है. इन कंपनियों पर लेनदेन और लिस्टिंग विनियमन नियमों के कथित उल्लंघन का आरोप है.
अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन (SEZ), अडानी एनर्जी, अदाणी पावर, अडानी विल्मर और अदाणी टोटल गैस ने अपनी-अपनी एक्सचेंज फाइलिंग में यह जानकारी दी है. अडानी एंटरप्राइजेज ने कहा कि उसे 31 मार्च को समाप्त तिमाही के दौरान दो कारण बताओ नोटिस मिले हैं. ये नोटिस हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच के बाद भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड द्वारा जारी किए गए हैं.
SEBI कर रही इन मामले की जांच (Adani Hindenburg Case Update)
24 जनवरी 2023 को हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी ग्रुप के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग से लेकर शेयर हेरफेर तक के आरोप लगाए थे. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की जांच के लिए 6 सदस्यीय कमेटी का गठन किया था. इसके अलावा बाजार नियामक सेबी को भी जांच करने के लिए कहा गया था.
SEBI जांच में अब तक क्या हुआ?
2 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में एक कमेटी बनाई थी और सेबी को जांच के लिए दो महीने का वक्त भी दिया था.
सेबी को 2 मई तक अपनी रिपोर्ट सौंपनी थी, लेकिन सुनवाई के दौरान सेबी ने जांच के लिए 6 महीने का समय मांगा.
पीठ ने इसे अगस्त तक बढ़ा दिया. यानी सेबी को अपनी जांच करने और रिपोर्ट सौंपने के लिए कुल 5 महीने का समय मिला.
14 अगस्त को सेबी ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी जांच पूरी करने और रिपोर्ट सौंपने के लिए 15 दिन का और समय मांगा था.
25 अगस्त को सेबी ने सुप्रीम कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की. बताया कि 22 जांचें पूरी हो चुकी हैं और 2 अधूरी हैं.
24 नवंबर 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. कहा गया कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को सही मानने की जरूरत नहीं है.
3 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को बाकी दो मामलों की जांच के लिए तीन महीने का समय और दिया था. सेबी ने 24 में से 22 मामलों की जांच पूरी कर ली है.