रायपुर। अशोका बिरयानी रेस्टोरेंट में दो कर्मचारियों की मौत के 36 घंटे से बाद पुलिस के हाथ खाली हैं और कार्रवाई के नाम पर आश्वासन का लड्डू खिलाया जा रहा है. चौकाने वाली बात ये है कि अभी तक पुलिस रेस्टोरेंट प्रबंधक तक नहीं पहुंच पाई है. मामले में पुलिस का कहना है कि प्रबंधक का फोन बंद है हम कार्रवाई कर रहे हैं. इधर मृतकों के आक्रोशित परिजन और समाज के लोग के साथ छत्तीसगढ़ क्रांति सेना लाश को लेकर रेस्टोरेंट के सामने धरने पर बैठ गए हैं. वे मामले में मुआवजा के साथ तत्काल गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं. इसके साथ ही उन्होंने चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होगी दोनों मृतक की लाश को लेकर यहीं पर बैठे रहेंगे.
मृतकों के परिजनों ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा है कि पुलिस अशोका बिरयानी के प्रबंधक को बचा रही है और उनके होटल की सुरक्षा में तैनात है. जबकि मामले में पुलिस कह रही है कि प्रबंधक का फोन लगातार बंद बता रहा है. ऐसे में ये सवाल उठता है कि आधुनिक तकनीक से लैस होने के बाद भी पुलिस प्रबंधक तक कैसे नहीं पहुंच पा रही है.
परिजनों ने सवाल उठाया है कि छत्तीसगढ़ में गरीबों के लिए कोई नियम कानून नहीं है ? क्या छत्तीसगढ़ में सरकार और गृह मंत्री नहीं है? क्या गरीबों को न्याय नहीं मिलेगी ? आखिरकार कब तक पुलिस प्रबंधकों को बचाएगी ? जब तक प्रबंधक को हमारे सामने नहीं लाया जाएगा तब तक हम यहां से नहीं हटेंगे.
बता दें कि गुरुवार को लाभांडी स्थित अशोका बिरयानी रेस्टोरेंट में गटर सफाई के दौरान दो कर्मचारियों की मौत हो गई. इस दौरान जब मीडियाकर्मी कवरेज करने पहुंचे तो उनके साथ वहां के मैनेजर और कर्मचारियों बदसलूकी करते हुए कैमरा तोड़ा और मोबाइल छीना. मृतकों में एक , 6 बहनों का छोटा भाई है और दूसरा डेढ़ साल के बच्चे का पिता है.