पटना. जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार पर तंज करते हुए कहा कि 2015 के बाद कई बार पलटी मारकर अपना हित-अहित कर चुके हैं. आज समाज का हर वर्ग जान गया है कि नीतीश कुमार को किसी से मतलब नहीं है. बस इन्हें मुख्यमंत्री बने रहना है और फेविकोल लगाकर कुर्सी से चिपके रहना है. कभी भाजपा का कमल पकड़ कर कभी लालटेन पर लटककर मुख्यमंत्री बने रहे. बिहार चाहे भाड़ में जाए, बिहार की जनता का कुछ भी हो, उससे इनको कोई लेना देना नहीं है.
प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार को बिहार की जनता के प्रति कोई संवेदना नहीं रह गई है. पूरे बिहार में उनका पुरजोर विरोध होना चाहिए. इन्होंने सारी मोरालिटी को ताक पर रख दिया है. नीतीश कुमार को अहंकार इस बात का है कि 42 विधायक होने के बाद भी ये मुख्यमंत्री बने ही रहते हैं. अगर आप देखियेगा तो JDU के 117 विधायक हुआ करते थे. वहां से घटकर 72 हुए इसके बाद 72 से उलटकर 42 में आ पहुंचे हैं. अगली बार जनता इतना कम विधायक देगी कि कोई गणित और जुगाड़ इनको मुख्यमंत्री नहीं बना पाएगा आप लिखकर रखिए.
बता दें कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इन दिनों अपने तेवरों और बयानबाजी के चलते चर्चाओं में बने हुए हैं. इस बीच नीतीश के करीबी रहे जीतन राम मांझी का बड़ा बयान भी सामने आया है. मांझी का दावा है कि 4 फरवरी से पहले नीतीश कुमार की एनडीए में वापसी हो सकती है. उन्होंने अपने एक बयान में कहा था कि 25 जनवरी को खेला होबे, खेला होई और खेला होबे तो आप सब देखिएगा कि 25 तारीख के बाद कोई ना कोई खेला होगा.
बता दें कि नीतीश कुमार और महागठबंधन के बीच मनमुटाव की चर्चाओं ने नीतीश की एनडीए में वापसी की खबरों को बल दे दिया है. वहीं इस बीच बीते मंगलवार को नीतीश कुमार ने बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर से मुलाकात की थी. इस मुलाकात के बाद से कयासों का बाजार और बढ़ गया है.