
बीते चुनाव में कांग्रेस को सत्ता से बेदखल कराने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया पर कांग्रेस ने पूरी तरह से फोकस कर लिया है. कांग्रेस लगातार सिंधिया के समर्थकों में सेंधमारी कर रही है. दो महीने में अब तक कांग्रेस सिंधिया परिवार के 4 विश्वास पात्र नेताओं को कांग्रेस में शामिल करने में सफलता हासिल की है.
चुनावी राज्य मध्य प्रदेश में चुनावी साल में दल बदल की राजनीति बड़े जोर-शोर से चल रही है. कभी भाजपा, कांग्रेस में सेंध लगा रही है तो कभी कांग्रेस, भाजपा में सेंध लगा रही है. इस सेंधमारी की राजनीति में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस का पूरा फोकस तत्कालीन कांग्रेस ने व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर आ सकती है. कांग्रेस लगातार सिंधिया समर्थकों को तोड़ने का प्रयास कर रही है. अब तक आधा दर्जन से अधिक सिंधिया समर्थकों ने भाजपा को अलविदा बोल कांग्रेस में अपनी आस्था जता दी है.
महल की राजनीति को ये बोले अलविदा
विधानसभा चुनाव में टिकट की चाह रखने वाले सिंधिया परिवार के विश्वास पात्र नेता लगातार महज की राजनीति को अलविदा बोल रहे हैं. महज दो महीने में ही चार लोगों ने भाजपा छोड़ कांग्रेस में अपनी आस्था जताई है. अब तक बैजनाथ सिंह यादव, राकेश गुप्ता, रघुराज धाकड़ और जितेन्द्र जैन गोटू कांग्रेस की सदस्यता ले चुके हैं.
समर्थकों के साथ ले रहे सदस्यता
बता दें केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक अपने साथियों के साथ कांग्रेस की सदस्यता ले रहे हैं. शुरुआत 14 जून से हुई. 14 जून को सिंधिया समर्थक बैजनाथ यादव को पीसीसी चीफ कमलनाथ ने कांग्रेस की सदस्यता दिलाई थी.
बैजनाथ यादव 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भाजपा में आ गए थे. बैजनाथ यादव के 12 दिन बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया के दूसरे समर्थक शिवपुरी के नेता राकेश गुप्ता ने 26 जून को कांग्रेस की सदस्यता ली थी. इसके बाद 10 अगस्त को रघुराज धाकड़ ने भी अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ राजधानी भोपाल पहुंचकर कांग्रेस का दामन थामा. इसके बाद 24 अगस्त को शिवपुरी जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष जितेन्द्र जैन गोटू ने भी भोपाल पहुंचकर कांग्रेस की सदस्यता ली. पीसीसी चीफ कमलनाथ ने जितेन्द्र जैन गोटू को कांग्रेस की सदस्यता दिलाई.