भोपाल । प्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से प्रमुख सचिव रश्मि अरुण शमी ने सभी जिलों के कलेक्टरों को पत्र लिखकर कहा है कि अविलंब शिक्षकों को उनके मूल कार्य पर भेजा जाए। आदेश में कहा गया है कि जो शिक्षक पूर्णकालिक रूप से गैर शैक्षणिक कार्य में लगे हैं, उनका वेतन भुगतान तत्काल प्रभाव से रोका जाए। साथ ही उनकी शाला में उपस्थिति के बाद ही उन्हें वेतन भुगतान किया जाए। किसी भी शिक्षक को पूरी तरह से शाला से कार्यमुक्त नहीं किया जाए। हालांकि स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से कई बार आदेश जारी हुए हैं कि शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों में नहीं लगाया जाए। इसके बावजूद भी तीन माह के लिए शिक्षकों को बीएलओ कार्य में लगाया गया है। मालूम हो कि सरकारी स्कूलों में शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार के लिए इन दिनों दक्षता उन्नयन कार्यक्रम कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों में लगाने से स्कूलों में शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है। इन कार्यों में हजारों शिक्षकों के लगने से स्कूल खाली हो गए हैं। अभी सभी कक्षाओं की तिमाही परीक्षाएं चल रही है। वहीं, बीएलओ कार्य में शिक्षकों के लगाने से कई शिक्षक संघ विरोध में उतर आए हैं। मप्र शिक्षक कांग्रेस ने कलेक्टर को ज्ञापन देकर शिक्षकों को बीएलओ कार्य से मुक्त करने के लिए कहा है, नहीं तो आंदोलन की चेतावनी दी है।
यहां बताना लाजिमी होगा कि राजधानी के प्राथमिक शाला सेवनियागोंद में 5 शिक्षक पदस्थ हैं, इसमें तीन शिक्षक को बीएलओ में लगाया और एक शिक्षक को अन्य शाला में भेजा हैं, वहीं एक अन्य सहायक अध्यापक का बीएड होने के कारण चली गई। अब इस स्कूल में एक भी शिक्षक नहीं बचा है। वहीं, प्रधानाध्यापक को भी बीएलओ कार्य में लगा दिया गया है। अब इस स्कूल में न तो शिक्षक और न ही प्राध्यापक है। शासकीय प्राथमिक शाला बड़वई में तीन में से 2 शिक्षकों को बीएलओ में लगाया गया है। इससे एक ही शिक्षक पढ़ा रहा है। वहीं शासकीय प्राथमिक शाला जीवन ज्योति में तीन में से दो को बीएलओ बना दिया गया, जिससे स्कूल में एक ही शिक्षक बचा है। प्राथमिक शाला ब्रिजिसिया में 6 शिक्षक पदस्थ हैं, इसमें से पांच को बीएलओ बनाया गया है और प्राथमिक शाला नबीवाग में भी एक शिक्षक है। इस बारे में जिला शिक्षा अधिकारी भोपला नितिन सक्सेना का कहना है कि कलेक्टर ने निर्देश दिए थे कि सभी स्कूलों से जानकारी प्राप्त करें कि ऐसे शिक्षक जिनकी दूसरे स्कूलों में बीएलओ के पद पर ड्यूटी लगी हैं उनकी जानकारी प्राप्त कर एसडीएम के माध्यम से उनकी ड्यूटी कटवाने की कार्यवाही की जाएगी।
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