पोरबंदर के दक्षिण में दक्षिण-पूर्वी अरब सागर में एक दबाव उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ रहा है। इस वजह से एक चक्रवाती तूफान की आशंका है। भारत मौसम विज्ञान ने बताया कि सुबह 5.30 बजे दबाव गोवा से पश्चिम-दक्षिण पश्चिम में 920 किलोमीटर, मुबंई से 1,120 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम, पोरबंदर से 1,160 किलोमीटर दक्षिण और कराची से 1,520 किलोमीटर दक्षिण की तरफ था। दबाव के उत्तर की तरफ बढ़ने के कारण अगले 24 घंटों के दौरान पूर्व-मध्य अरब सागर और इससे सटे दक्षिण-पूर्व अरब सागर के ऊपर एक चक्रवाती तूफान की संभावना है। विभाग ने सोमवार को बताया था कि दक्षिण-पूर्वी अरब सागर के ऊपर कम दबाव का सिस्टम बनने के कारण केरल की तरफ आने गंभीर प्रभाव पड़ने की संभावना है। हालांकि, विभाग अब तक मानसून की तारीखों का एलान नहीं कर पाया है।
निजी मौसम एजेंसी स्काईमेट ने आठ-नौ जून तक केरल में मानसून के दस्तक देने की संभावना है। हालांकि मानसून काफी हल्का होगा। स्काईमेट ने इससे पहले सात जून (तीन दिन आगे-पीछे) को केरल में मानसून के दस्तक की संभावना जताई थी। मौसम विभाग ने मई के मध्य में बताया था कि चार जून तक मानसून केरल में दस्तक दे सकता है। हालांकि मानसून अकसर एक जून (सात दिन आगे-पीछे) को केरल में प्रवेश कर जाता है। दक्षिण-पश्चिम मानसून के आने की संभावना है। लक्षद्वीप, केरल और कर्नाटक के तटीय इलाकों में लगातार दो दिनों की बारिश जरूरी है। हालांकि, मौसम विभाग का कहना है कि मानसून के केरल में देरी से आने का मतलब यह नहीं है कि वह देश के अन्य हिस्सों में देरी से पहुंचेगा। यह देश में बारिश के औसत आंकड़े को भी प्रभावित नहीं करेगा।