जहां मारा गया असद वहीं से उठाए गए थे अतीक के फाइनेंसर

अतीक के बेटे असद को उसी बड़ागांव इलाके में मार गिराया गया जहां से 27 दिन पहले एसटीएफ ने अतीक अहमद गैंग को मदद पहुंचाने वाले दो फाइनेंसरों को उठाया था। उस समय एसटीएफ ने करीब दस घंटे लंबी पूछताछ के बाद उनको छोड़ दिया था लेकिन, बृहस्पतिवार को असद की इसी इलाके में मौजूदगी मिलने से पुलिस के कान खड़े हो गए। अब पुलिस दोबारा से झांसी में माफिया अतीक के कनेक्शन तलाशने में जुट गई है। 

एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार के इस बात का खुलासा करने के बाद कि अतीक को छुड़ाने की असद साजिश रच रहा था। इसकी रेकी करने के लिए ही वह झांसी पहुंचा था। पुलिस का दावा है कि असद को यकीन था कि अतीक को वापस साबरमती जेल इसी रास्ते से ले जाया जाएगा। ऐसे में झांसी में ही उसने छुड़ाने का प्लान बनाया था। अब पुलिस के सामने यह सवाल खड़ा हो गया कि इतनी बड़ी साजिश के पीछे झांसी में कौन-कौन लोग उसकी मदद कर रहे थे। किनके भरोसे असद इतनी बड़ी साजिश रच रहा था। पुलिस अब उस नेटवर्क को तलाशने में जुटी है। 


बता दें, 17 मार्च को एसटीएफ ने बड़ागांव के पारीछा स्थित एक आवासीय कॉलोनी में दबिश देकर दो ठेकेदारों को उठा लिया था जबकि एक ठेकेदार पुलिस को चकमा देकर भाग निकला। एसटीएफ को आशंका थी कि यह ठेकेदार अतीक गैंग को फाइनेंस करते हैं। अतीक गैंग की मदद से इन लोगों ने प्रयागराज, कानपुर एवं झांसी में करोड़ों रुपये के ठेके हथियाए थे। करीब दस घंटे की पूछताछ के बाद उनको छोड़ दिया गया लेकिन, असद की बड़ागांव में पारीछा थर्मल पावर प्लांट से करीब आधा किलेामीटर दूर मिलने के बाद अब इनसे अतीक के तार फिर तलाशे जा रहे हैं। यह ठेकेदार भी थर्मल पावर प्लांट में ठेकेदारी करते हैं हालांकि पुलिस अफसर अभी कुछ खुलकर बोलने को राजी नहीं हैं।


अतीक को छुड़ाने की मुफीद जगह थी झांसी
वरिष्ठ पुलिस अफसरों का दावा है असद अपने पिता अतीक को जेल से छुड़ाने की साजिश रच रहा था। रेकी करने के लिए ही वह यहां पहुंचा था। उनका कहना है झांसी को इस वजह से मुफीद मान रहा था कि यह दो राज्यों के बीच पड़ता है। यहां वारदात करने के बाद आसानी से मध्य प्रदेश की ओर भागा जा सकता था। मध्य प्रदेश में उसे पुलिस से बचने की उम्मीद थी। इस वजह से वह झांसी में यह वारदात करने की योजना बना रहा था।


अतीक ने दो दिन पहले ही कहा था, अब रगड़ा जा रहा है
सबारमती जेल से प्रयागराज ले जाते समय मंगलवार को ही अतीक अहमद ने झांसी की सीमा के भीतर पहुंचने से पहले मीडिया कर्मियों से कहा था कि सरकार मिट्टी में मिलाने की बात कह रही थी। मेरा पूरा परिवार बर्बाद हो चुका है। मिट्टी में मिलने के बाद अब रगड़ा जा रहा है। अतीक के यह बात कहने के दो दिन बाद ही उसका फरार बेटा झांसी में ही मुठभेड़ में मार गिराया गया।

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