उज्जैन:श्री महाकाल महालोक के लोकार्पण के बाद उज्जैन के प्रापर्टी बाजार में जबरदस्त बूम आया है। मंदिर के आसपास के क्षेत्र में भूमि, भवन की कीमत दो से पांच गुना तक बढ़ गई हैं। मुख्य मार्ग से लगी प्रापर्टी खरीदने को तो कुछ निवेशक मुंह मांगी रकम तक चुकाने को राजी हैं। प्रदेश सरकार भी यहां रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए अपनी खाली शासकीय जमीन बेचने को प्रयासरत है। इसे खरीदने को जिला उद्योग केंद्र, मध्य प्रदेश औद्योगिक विकास केंद्र को कई प्रस्ताव भी मिले हैं। पड़ोसी शहर इंदौर में अगले महीने ग्लोबल इन्वेस्टर समिट, एजुकेशनल लीडर समिट, प्रवासी भारतीय सम्मेलन, जी-20 देशों के सदस्यों का सम्मेलन होना है। इसके बाद फरवरी में उज्जैन में 18 फरवरी से 22 मार्च, 2023 तक विक्रमोत्सव के रूप में देश का सबसे बड़ा सांस्कृतिक मेला लगना है। उज्जैन की छवि विश्वभर में लोकप्रिय करने का ये सुनहरा अवसर है, जिसे भुनाने के लिए प्रदेश सरकार कमर कस चुकी है।
सरकार 700 करोड़ के विकास एवं सुंदरीकरण के कार्य कर रही
गत 14 दिसंबर को उज्जैन आए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान श्री महाकाल महालोक सहित संपूर्ण उज्जैन की चमक बढ़ाने के लिए तैयारी के निर्देश भी दे गए हैं। स्थानीय प्रशासन, एक ओर प्रचलित प्रोजेक्ट समय सीमा में पूर्ण करने को ताकत झोंकता नजर आ रहा है तो वहीं मेहमानों की सुख-सविधाओं के लिए नए विकास कार्यों की शुरुआत करते भी दिख रहा है। शहर के बीच आगर रोड से लगी बिनोद मिल की 22,245 वर्ग मीटर जमीन भी बेची जा रही है। निविदा में भाग लेने की आखिरी तारीख लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग ने 19 दिसंबर रखी है।
निवेश के लिए 70 हेक्टेयर से अधिक जमीन, करोड़ों के प्रस्ताव उज्जैन में उद्योग, होटल, रेस्त्रां, स्कूल, कालेज, अस्पताल आदि खोलने को स्थानीय प्रशासन के लिए 70 हेक्टेयर से अधिक जमीन है। इसकी कीमत 934 करोड़ रुपये से अधिक है। विभागीय रिपोर्ट के अनुसार इंदौर रोड पर 0.418, आगर रोड पर 4.934, उत्तम नगर के सामने 3.084, हरिफाटक ब्रिज के पास दो हेक्टेयर जमीन सहित पांडयाखेड़ी, पिंगलेश्वर रोड और केसरबाग कालोनी के निकट 12.86 हेक्टेयर जमीन खाली पड़ी है।
धतरावदा, नीमनवासा, मालनवासा, लालपुर क्षेत्र में 47.38 हेक्टेयर और बिनोद मिल की जमीन भी खाली पड़ी है। निवेशकों का रुझान बढ़ाने के लिए श्री महाकाल महालोक में सरकार 700 करोड़ के विकास एवं सुंदरीकरण के कार्य कर रही है।
एक लाख श्रद्धालु रोज आ रहे प्रशासन के मुताबिक अभी एक लाख श्रद्धालु रोजाना महाकालेश्वर मंदिर दर्शन के लिए आ रहे हैं। शनिवार, रविवार के दिन ये संख्या ढाई लाख के आसपास होती है। पर्यटकों के आने से उज्जैन का व्यापार-व्यवसाय फलने-फूलने लगा है।