नई दिल्ली:राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष के पद से हट चुके हैं और इन दिनों वह राजनीतिक गतिविधियों के केंद्र में नहीं हैं। हालांकि इसके बाद भी उनकी टिप्पणियां राजनीति से लेकर अर्थव्यवस्था तक में पार्टी के स्टैंड को तय करने वाली होती हैं। ऐसे में यह देखने वाली बात होगी कि हरियाणा और महाराष्ट्र के विधानसभा चुनावों में पार्टी की स्थिति क्या होगी। दिलचस्प यह भी है कि इस दौरान पार्टी के केंद्रीय और राज्य नेतृत्व के बीच कई मुद्दों पर मतभेद भी दिखे हैं।
आर्टिकल 370 हटाए जाने की ही बात करें तो राहुल गांधी ने इसका सीधे तौर पर विरोध किया था, जबकि हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बेटे दीपेंद्र ने इसका समर्थन किया था। अब यदि बीजेपी राहुल गांधी के 370 पर स्टैंड को मुद्दा बनाती है तो क्या हुड्डा का बयान कांग्रेस की ओर से बचाव के तौर पर सामने आएगा?
राहुल गांधी की बात करें तो 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले और बाद के उनके स्टैंड में कोई अंतर नहीं दिखता है। राहुल गांधी अब भी लगातार पीएम नरेंद्र मोदी पर हमलावर रुख अपना रहे हैं, जबकि कांग्रेस में ही सीनियर नेताओं का एक वर्ग मानता है कि मोदी पर हमला पार्टी के लिए फायदेमंद नहीं है।
ऐसी स्थिति में आगामी विधानसभा चुनाव कांग्रेस की आंतरिक राजनीति के लिए भी अहम होंगे। राहुल गांधी की ओर से प्रचार सीधे तौर पर बीजेपी को एक मुद्दा मिलने जैसा होगा। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी और मोदी के खिलाफ कांग्रेस और राहुल गांधी की क्या रणनीति रहेगी।
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