सोमालिया की राजधानी मोगादिशु में शनिवार को सरकारी कार्यालयों के करीब हुए दो धमाकों में सोमवार तक मरने वालों की संख्या बढ़कर 120 हो गई है। सोमालिया के स्वास्थ्य मंत्री के हवाले से न्यूज एजेंसी रायटर ने यह जानकारी दी है। बताया गया कि जिस जगह धमाके हुए वहां भारी भीड़ जुटी हुई थी। राष्ट्रीय पुलिस ने कहा कि सोमालिया की राजधानी में प्रमुख सरकारी कार्यालयों के पास एक व्यस्त जंक्शन पर शनिवार को दो कारों में बम विस्फोट हुए, जिसमें बच्चों सहित “सैकड़ों नागरिक हताहत” हुए।
सोमालिया की न्यूज एजेंसी ने पुलिस प्रवक्ता सादिक डोदिशे के हवाले से कहा कि सोमालिया की राजधानी में प्रमुख सरकारी कार्यालयों के पास एक व्यस्त जंक्शन पर दो कारों में लगाए गए बमों में धमाका हुआ है। जिसमें बच्चों सहित कई नागरिक हताहत हुए। रिपोर्ट्स के मुताबिक, घटनास्थल पर कई शव देखे गए। धमाके में मारे गए लोगों में लगभग सभी आम नागरिक हैं। मृतकों में कई लोग सार्वजनिक वाहनों में यात्रा कर रहे थे।
मदीना अस्पताल के एक स्वयंसेवक हसन उस्मान ने बताया कि “अस्पताल में लाए गए मृत लोगों में से अधिकांश महिलाएं हैं। मैंने इसे अपनी आंखों से देखा है।” अस्पताल और अन्य जगहों पर घबराए हुए परिजन प्लास्टिक से ढंके बैग में रखे शवों में अपने प्रियजनों की तलाश करते नजर आए।
अब्दिरजाक हसन नाम के एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि पहला धमाका शिक्षा मंत्रालय के बाहर हुआ, जहां रेहड़ी-पटरी पर सामान बेचने वाले और पैसे बदलने वाले थे। उन्होंने कहा कि “जब दूसरा धमाका हुआ तब मैं 100 मीटर की दूरी पर था। कई लोगों की मौत होने के कारण जमीन पर पड़े शवों की गिनती नहीं कर सका।”
पुलिस के मुताबिक, दूसरा ब्लास्ट एक व्यस्त रेस्तरां के सामने लंच के समय हुआ। विस्फोटों ने कई रेस्तरां और होटलों वाले एक क्षेत्र में टुक-टुक (टैक्सी के रूप में इस्तेमाल किया जाने वाला तीन पहियों वाला मोटर चालित वाहन) और अन्य वाहनों को ध्वस्त कर दिया। एंबुलेंस सेवा के निदेशक ने बताया कि कई घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया है और मौके से कई शव लाए गए हैं। इस हमले की जिम्मेदारी अब तक किसी संगठन ने नहीं है। हालांकि, चरमपंथी संगठन अल-शबाब शहर को निशाना बनाता रहा है।
मोगादिशु में धमाके की टाइमिंग भी चौंकाने वाली है। दरअसल, सोमालिया के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उग्रवाद का मुकाबला करने के लिए राजधानी में ही बैठक कर रहे थे। इसमें खासकर अलकायदा से जुड़े अल-शबाब समूह से निपटने पर चर्चा की जा रही थी। ठीक इसी स्थान पर पांच साल पहले भी एक बड़ा विस्फोट हुआ था, जिसमें 500 से अधिक लोग मारे गए थे।