नई दिल्ली: ट्रैफिक नियम संशोधन अधिनियम के कई प्रावधानों के खिलाफ आज यूनाइटेड फ्रंट ऑफ ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (UFTA) ने एक दिन की हड़ताल का आह्वान किया है. इस हड़ताल के चलते नोएडा और गाजियाबाद सहित दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में हजारों यात्रियों ने कड़ी मशक्कत का सामना करना पड़ सकता है. हालांकि, हड़ताल की स्थिति में दिल्ली-एनसीआर के लोग मेट्रो की सवारी कर अपने गंतव्य स्थल तक पहुंच सकते हैं. दरअसल, यातायात के नियमों का उल्लंघन करने पर जुर्माने की राशि में कई गुना वृद्धि करने वाले मोटर व्हीकल अधिनियम ने बड़े विवाद को जन्म दे दिया है. मोटर व्हीकल (संशोधन) अधिनियम 2019 को संसद ने पिछले सत्र में पारित किया और यह एक सितंबर से प्रभावी हो गया. जुर्माने की राशि इतनी ज्यादा है कि इसी सप्ताह एक ट्रक चालक और उसके मालिक को ओवरलोडिंग और कुछ अन्य नियमों के उल्लंघन पर दिल्ली में दो लाख रुपये का जुर्माना भरना पड़ा था. कई राज्यों ने यह कहते हुए इसे लागू ना करने का निर्णय लिया है कि इससे जनता पर अनुचित भार पड़ेगा.
दिल्ली-NCR में हड़ताल की वजह
1. मोटर व्हीकल एक्ट 2019 में बदलाव की मांग
2. बढ़े हुए चालान की राशि को कम करने की मांग
3. इनकम टैक्स के एक्ट 44 को वापस लेने की मांग
((अनुमाति आय के आधार पर टैक्स का आकलन))
4. व्यवसायिक वाहन चालकों के लिए बीमा और मेडिकल सुरक्षा की मांग
5. दिल्ली में एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन के निजीकरण का विरोध
नए मोटर व्हीकल एक्ट में कई गुना तक बढ़ी जुर्माने की राशि को लेकर दिल्ली-एनसीआर में ट्रांसपोर्टरों के 51 संगठनों ने हड़ताल की घोषणा की है.
ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल के कारण दिल्ली-एनसीआर के ज्यादातर स्कूलों ने छुट्टी का ऐलान किया है.
कई अभिभावकों को अपने बच्चों के स्कूलों से मैसेज मिला है कि आज शिक्षण संस्थान बंद रहेंगे.