रायपुर: छत्तीसगढ़ में सोमवार से राज्य सरकार के कर्मचारियों की महाड़ताल है. महंगाई भत्ता और गृह भाड़ा बढ़ाए जाने की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों ने हड़ताल का ऐलान किया है. लगभग 5 लाख कर्मचारियों के इस अनिश्चितकालीन हड़ताल से सरकारी कामकाज बंद रहेगा. रविवार की देर शाम मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद लिपिक संघ ने अनिश्चितकालीन हड़ताल से अपने हाथ खींच लिए हैं. जानकारी के मुताबिक लिपिक संघ को सीएम ने आश्वासन दिया है कि उनकी मांगें पूरी कर ली जाएगी. जिसके बाद वह हड़ताल से अलग हो गए.
लिपिक संघ नहीं होगा हड़ताल में शामिल: रविवार की देर शाम मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद लिपिक संघ ने अनिश्चितकालीन हड़ताल से अपने हाथ पीछे हट गए हैं. मिली जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री ने लिपिक संघ को आश्वासन देते हुए कहा है कि वे जल्द ही मुख्य सचिव से बात कर उनकी मांग को पूरा करेंगे. जिसके बाद लिपिक संघ ने हड़ताल में शामिल न होने का फैसला लिया है.
ये सभी कर्मचारी केन्द्र के समान 34% महंगाई भत्ता, एरियर्स देने और सातवें वेतनमान के अनुरूप गृह भाड़ा भत्ता दिए जाने की प्रमुख मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. प्रदेश के लगभग पांच लाख कर्मचारी और अधिकारियों के साथ राज्य के न्यायायिक सेवा के कर्मचारी भी 23 जिलों में हड़ताल पर रहेंगे, जिसके कारण जिला न्यायालय बंद रहेगा.
राजधानी में बढ़ी पुलिस की चौकसी : कर्मचारियों के हड़ताल को मद्देनजर रखते हुए प्रशासन भी अलर्ट मोड़ पर आ गया है. पुलिस मुख्यालय ने हड़ताली कर्मचारियों से निपटने अलग-अलग जिलों से 40 अधिकारियों समेत भारी संख्या में पुलिस फोर्स को बुलाकर राजधानी में तैनात कर दिया है. जानकारी के अनुसार धरने को देखते हुए 2 IPS, 15 ASP समेत बड़ी संख्या में पुलिस अधिकारियों की ड्यूटी लगाई जा रही है.