
रीवा। मध्यप्रदेश में रीवा जिले के अतरैला थाना क्षेत्र में बुधवार दोपहर को एक बड़ा हादसा हो गया. टमस नदी में नाव पलटने से नाविक सहित 5 लोग डूब गए. नाविक और एक अन्य व्यक्ति ने नदी में तैर कर अपनी जान बचा ली, लेकिन तीन अन्य युवक लापता हो गए. स्थानीय लोगों ने घटना की सूचना पुलिस को दी. पुलिस तत्काल घटना स्थल पहुंच गई और स्थानीय गोताखोरों की मदद से सर्च अभियान शुरू कर दिया, लेकिन लापता युवकों का कोई सुराग नहीं लगा. आज गुरुवार सुबह एक बार फिर नदी में रेस्क्यू अभियान चलाया जाएगा.
बीच नदी में डगमगाई नाव: हरदहन गांव निवासी तीन युवक 19 वर्षीय सत्यम केवट, 20 वर्षीय पवन कुमार केवट और 18 साल का रमाशंकर केवट टमस नदी पार कर निमंत्रण में शामिल होने के लिए गुरगुदा गांव जा रहे थे. तीनों भाइयों के अलावा नाविक और एक अन्य युवक नाव में बैठा था. नाव बीच नदी में पहुंची तभी अचानक डगमगाने लगी. उस दौरान सभी ने अपना संतुलन खो दिया और सभी लोग गहरे पानी में गिर गए. नाविक और एक अन्य युवक ने नदी तैर कर पार कर ली, लेकिन बाकी तीन लापता हो गए.

लापता लोगों की तलाश की जा रही है
गांव जाने के दो ही रास्ते: गुरगुदा गांव जाने के दो ही मार्ग हैं पहला मार्ग जंगल के रास्ते होते हुए 40 किलोमीटर का सफर तय कर के जाना पड़ता है, जहां जंगली जानवरों के अलावा हमेशा बादमाशों का खतरा भी बना रहता है. दूसरा नदी का रास्ता है जो की काफी जोखिम भरा है. यहां पर छोटी नावों के सहारे ही अपनी जान को खतरे में डालकर अक्सर लोग खतरनाक और गहरी टमस नदी को पार कर के उसपार गुरगुदा गांव पहुचते हैं. तीनों भाईयों ने भी नजदीक होने के चलते टमस नदी से नाव के सहारे गुरगुदा गांव जाने का रास्ता चुना.
कलेक्टर सहित प्रशासनिक अमला घटनास्थल पर मौजूद
युवकों का नहीं लग सका सुराग: हादसे के बाद अपनी जान बचाकर नदी से बाहर निकलने वाले नाविक और एक अन्य युवक ने लोगों को घटना की जनकारी दी. लोगों ने पुलिस को जब सूचना दी तब शाम के 5 बज चुके थे. पुलिस ने गोताखोरों की मदद से सर्च ऑपरेशन चलाया. लेकिन काफी खोजबीन के बाद भी युवकों का कोई सुराग नहीं लग पाया. बाद में रीवा से टीम को बुलाई गई. रात होने और तकरीबन 100 फीट गहरी नदी में पानी के तेज बहाव के कारण बचाव दल को काफी दिक्कतें हुईं. सूचना पर पुलिस की कई टीमें, प्रशानिक अमले के साथ कलेक्टर मनोज पुष्प और एसपी नवनीत भसीन भी घटना स्थल पहुंच गए.
आजादी के 75 वर्ष बाद भी नहीं बन सका पुल: आजादी के 75 साल बीत जाने के बाद भी अतरैला में टमस नदी को पार कर गुरगुदा गांव पहुंचने के लिए पुल का निर्माण नहीं हो सका. गुरगुदा गांव में अगर कोई व्यक्ति बीमार होता है तो उस मरीज को भी छोटी नावों के जरिये नदी पार कराकर दूसरे गांव इलाज के लिए लाना पड़ता है. तब कहीं जाकर मरीज एम्बुलेंस के सहारे अस्पताल पहुंच पाता है. गुरगुदा गांव पहुंचने के लिए जंगल के रास्ते से होते हुए सड़क मार्ग तो है, लेकिन काफी जर्जर हालत में होने के साथ ही तकरीबन 40 किलामीटर का सफर तय करना पड़ता है. यही वजह है की लोग मजबूरन अपनी जान को जोखिम में डालकर टमस नदी को पर करते हैं.