नई दिल्ली: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार को बीजेपी और आरएसएस पर निशाना साधा. ओवेसी ने महाराष्ट्र के भिवंडी में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि भारत न तो मेरा है, न ठाकरे का, न ही मोदी-शाह का. अगर भारत किसी का है, तो वह द्रविड़ और आदिवासी हैं, लेकिन बीजेपी मुगलों के पीछे पड़ी है. भारत का गठन अफ्रीका, ईरान, मध्य एशिया, पूर्वी एशिया के लोगों के पलायन के बाद हुआ था.
भिवंडी में AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में एनसीपी नेता ओवैसी को वोट देने की मांग कर रहे थे ताकि बीजेपी, शिवसेना को रोका जा सके. चुनाव के बाद एनसीपी ने शिवसेना से गठबंधन कर लिया. इस दौरान ओवैसी ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार की खिंचाई की और उनसे सवाल किया कि उन्होंने नवाब मलिक की गिरफ्तारी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात क्यों नहीं की, जैसा कि उन्होंने शिवसेना सांसद संजय राउत के लिए किया था.
ओवैसी ने एनसीपी, शिवसेना और बीजेपी पर सामूहिक रूप से कटाक्ष करते हुए कहा कि बीजेपी, एनसीपी, कांग्रेस, एसपी धर्मनिरपेक्ष दल हैं. ओवैसी बोले कि असल में उन्हें लगता है कि उन्हें जेल नहीं जाना चाहिए लेकिन कोई मुस्लिम पार्टी का सदस्य जाए तो ठीक है. एनसीपी प्रमुख शरद पवार पीएम मोदी से मिलने जाते हैं और उनसे संजय राउत के खिलाफ कोई कार्रवाई न करने का आग्रह करते हैं. मैं एनसीपी कार्यकर्ताओं से पूछना चाहता हूं कि पवार ने नवाब मलिक के लिए ऐसा क्यों नहीं किया.
ओवैसी ने कहा कि क्या नवाब मलिक संजय राउत से कम हैं? मैं शरद पवार से पूछना चाहता हूं कि आपने नवाब मलिक के लिए क्यों नहीं बोला? क्या इसलिए कि वह मुस्लिम हैं? क्या संजय और नवाब बराबर नहीं हैं? ओवैसी ने पार्टी के भिवंडी नेता खालिद गुड्डू की रिहाई की भी मांग की. उन्होंने कहा कि खालिद गुडू को धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार किया गया था और उस पर जो धारा लगाई गई थी वह पूरी तरह से गलत थी. मैं शिवसेना और मुख्यमंत्री से खालिद गुड्डू को रिहा करने का अनुरोध करता हूं. इसी के साथ ओवैसी ने दावा किया कि उन्होंने खालिद गुड्डू को इसलिए गिरफ्तार किया क्योंकि वह सत्ता और भ्रष्टाचार के खिलाफ थे. इसलिए, राज्य सरकार ने उन्हें मुंबई पुलिस की मदद से गिरफ्तार किया.