भोपाल। प्रदेश के सबसे बड़े ई-टेंडर महाघोटाले (E-Tender Scam) में 42 टेंडरों में टेंपरिंग हुई कि नहीं, इसकी तकनीकी जांच रिपोर्ट (Investigation Report) सोमवार को आएगी। ईओडब्ल्यू (EOW) यानी राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण विंग द्वारा इन टेंडरों की जांच इंडियन कम्प्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (Indian Computer Emergency Response Team) भारत सरकार (Indian Government) से कराई गई है। इकॉनोमिक ऑफेंस विंग (Economic Offense Wing) ने इन 52 टेंडरों में से 42 में गड़बड़ी पकड़ी थी कि इनमें छेड़छाड़ हुई है। जिसकी पूर्ण पुष्टि के लिए यह जांच कराई गई है। जिसकी रिपोर्ट आने वाली है। रविवार की रात ईओडब्ल्यू के डीजी केएन तिवारी ने हरिभूमि से चर्चा में रिपोर्ट सोमवार तक आने की उम्मीद जताई है। यहां बता दें कि टेपरिंग पाई जाती है तो इस महाघोटाले (Scam) में एक और एफआईआर (FIR) दर्ज की जाएगी।
ईओडब्ल्यू (EOW) के आधिकारिक सूत्र बताते हैं कि इस महाघोटाले की जांच शुरू होने से ठीक पहले इन टेंडरों में छेड़छाड़ कर कंपनियों को फायदा पहुंचाया गया था। इसलिए ईओडब्ल्यू (EOW) द्वारा इन टेंडरों की जांच इंडियन कम्प्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (Indian Computer Emergency Response Team) भारत सरकार से कराई है। यहां बता दें कि यह महाघोटाला भाजपा राज में हुआ। जिसमें गड़बड़ी वाले ये टेंडर जल संसाधन विभागए सड़क विकास निगम, नर्मदा घाटी विकासए नगरीय प्रशासन, नगर निगम स्मार्ट सिटी, मेट्रो रेल, जल निगम, एनेक्सी भवन समेत निर्माण कार्य करने वाले विभागों के थे। ई-टेंडर महाघोटाले को लेकर सबसे पहली एफआईआर 10 अप्रैल 2019 को दर्ज की थी। ये एफआईआर (FIR) नौ टेंडर में टेंपरिंग को लेकर की गई थी। अब 42 टेंडरों में टेपरिंग का मामला है। पहले दर्ज हुए मामले में जहां आठ आरोपी गिरफ्तार हुएए उनमें से चार को जमानत मिल गईए जबकि चार अभी जेल में ही हैं। टेपरिंग जांच रिपोर्ट आने के बाद अब इस केस में आरोपी बढ़ेंगे।
जांच रिपोर्ट आने की उम्मीद – डीजी ईओडब्ल्यू
ई.टेंडर मामले में जिन 42 टेंडरों में टेंपरिंग की बात है। उनकी जांच भारत सरकार की इंडियन कम्प्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम से कराई गई है। यह रिपोर्ट सोमवार तक आने की उम्मीद है।
– केएन तिवारी, डीजी ईओडब्ल्यू मध्यप्रदेश