ग्वालियर। इस समय पूरे देश भर में ज्ञानवापी मुद्दे को लेकर बवाल मचा हुआ है. इसी मामले को लेकर बजरंग दल के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष जयभान सिंह पवैया का एक बयान भी सामने आया है. पवैया ने सलाह देते हुए कहा है कि मुस्लिम समुदाय के लिए ज्ञानवापी भारत में एक ऐतिहासिक अवसर है.उन्होंने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट में बाबरी ढांचे के लिए लड़ने वाला मुस्लिम समुदाय अगर इस मसले को आपसी सहमति से हल करने के लिए कदम बढ़ाता है तो इससे देश की फिजा बदल सकती है. ज्ञानवापी मामला मुस्लिम समुदाय के लिए एक अवसर के रूप में आया है. मुस्लिम भाई काशी और मथुरा के सत्य को स्वीकार करके भविष्य में पीढ़ियों के लिए सद्भावना की नींव रख सकते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि 110 करोड़ सनातनी हिंदुओं की आस्था के हर मुद्दे को अदालत में घसीटा जा रहा है जो चिढ़ाने जैसा लगता है.
ओवैसी पर साधा निशाना: पवैया ने कहा कि कुछ मुट्ठी भर लोगों द्वारा विश्व गुरु बनने के सिंहासन की ओर बढ़ते हुए भारत की फिजा को खराब करने का षड्यंत्र रचा जा रहा है. उन्होंने कहा ओवैसी जैसे कुछ लोग राजनीतिक हवस का शिकार हैं. उन्होंने अपील करते हुए कहा कि समझदार मुस्लिम समाज को ऐसे लोगों का औजार नहीं बनना चाहिए. पूरा देश जानता है कि एक ज्ञानवापी नहीं बल्कि भारत में कोने कोने में ना जाने कितनी चीजें ऐसी हो सकती है लेकिन अगर वह काशी और मथुरा जैसे मसलों पर अपनी हृदयता दिखाते हैं तो मुझे लगता है कि देश की तमाम समस्याओं का खात्मा हो सकता है.
सद्भाव की बुनियाद रखने का अवसर: पवैया ने कहा कि भारत को विश्व गुरु बनाना है तो देश में सद्भाव की बुनियाद पर रखना बहुत जरूरी है. कुछ लोग पूरे मुस्लिम समुदाय को अपना हथियार बनाना चाहते हैं जो नहीं होना चाहिए. महाभारत का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पांडवों ने 5 गांव मांगे थे, लेकिन दुर्योधन की जिद के कारण उनका क्या नतीजा हुआ जब पूरा विश्व जानता है. उन्होंने अपील की कि किसी भी बात की जिद नहीं होनी चाहिए, जो सत्य है उसको स्वीकार करना चाहिए और देश के विकास में भागीदार बनना चाहिए.