श्रीलंका में इमरजेंसी के बीच राजनीतिक उठापटक तेज हो गई है। रविवार देर रात देश की पूरी कैबिनेट ने तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे दिया है। देश के शिक्षा मंत्री एवं सदन के नेता दिनेश गुणवर्धने ने बताया कि कैबिनेट मंत्रियों ने श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे को इस्तीफा सौंप दिया।
हालांकि उन्होंने कैबिनेट के इस सामूहिक इस्तीफे का कोई कारण नहीं बताया है। श्रीलंकाई पीएम के बेटे नमल राजपक्षे ने भी अपने सभी विभागों से दिया इस्तीफा दे दिया है।
इससे पहले राजधानी कोलंबो में रविवार को सरकार का विरोध करने पर 650 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया। ये लोग आर्थिक संकट के विरोध में कर्फ्यू तोड़कर सरकार के खिलाफ मार्च निकाल रहे थे। वहीं, श्रीलंका में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।
इसके बाद रविवार को देश में फेसबुक, ट्विटर, वॉट्सऐप और इंस्टाग्राम सहित सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म आउट ऑफ सर्विस हो गए। इंटरनेट पर निगरानी रखने वाली संस्था NetBlocks ने इसकी जानकारी दी। दूसरी तरफ राजधानी कोलंबो में चप्पे-चप्पे पर आर्मी और पुलिस के जवान पहरा दे रहे हैं, ताकि माहौल बिगड़े नहीं।
आर्थिक संकट से जूझ रही श्रीलंका की मदद के लिए भारत आगे आया है। भारत ने फ्यूल क्राइसिस से जूझते श्रीलंका की मदद के लिए ऑयल टैंकर भेजा था, जो शनिवार को श्रीलंका पहुंच गया। इससे फ्यूल क्राइसिस से जूझते लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है।श्रीलंका में इमरजेंसी लगा दी गई है। इस पर देश के पूर्व मंत्री डॉ. हर्षा डीसिल्वा ने बात करते हुए कहा कि अगर भारत मदद नहीं भेजता तो हम खत्म हो जाते। उन्होंने कहा कि गोटबाया सरकार ने देश को बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
श्रीलंका को चावल भेजेगा भारत
वहीं भारत ने श्रीलंका को चावल भेजने की तैयारी शुरू कर दी है। यहां 40 हजार टन चावल लोड करना शुरू कर दिया गया है। माना जा रहा है कि प्रमुख त्योहार से पहले चावल की खेप श्रीलंका पहुंच जाएगी। भारत साल 2022 में श्रीलंका को कम से कम 300,000 टन चावल भेजेगा। इससे श्रीलंका में आपूर्ति बढ़ेगी, जिससे देश में कीमतें कम हो सकती हैं।
राष्ट्रपति ने किया आपातकाल का ऐलान
श्रीलंका में गहराती आर्थिक समस्या के बीच राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने शुक्रवार को आपातकाल का ऐलान कर दिया। आदेश में कहा गया है कि देश की सुरक्षा और आवश्यक सेवाओं की आपूर्ति के रखरखाव के लिए ये फैसला लिया गया है। इसके बाद पूरे देश में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। शनिवार को राजधानी कोलंबो में सेना की तैनाती के बीच दुकानें खोली गईं, ताकि लोग जरूरी सामान खरीद सकें।
इमरजेंसी के ऐलान के बाद सेना संदिग्धों को बिना किसी मुकदमे के गिरफ्तार कर सकती है और लंबे समय तक हिरासत में रख सकती है। राजपक्षे की सरकार को समर्थन दे रही 11 पार्टियों ने कैबिनेट भंग कर अंतरिम सरकार के गठन की मांग की है। इनका कहना है कि हालिया कैबिनेट बढ़ती महंगाई पर लगाम लगाने में नाकाम साबित हुई है।
हिंसा के आरोप में 45 गिरफ्तार
इससे पहले गुरुवार देर रात हजारों लोगों ने राष्ट्रपति राजपक्षे के निवास के बाहर विरोध-प्रदर्शन और पथराव किया। जवाबी कार्रवाई करते हुए पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। इस हिंसक टकराव में कम से कम 5 पुलिसकर्मियों समेत 10 लोग घायल हुए। हिंसा के आरोप में 45 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
आर्थिक तंगी से जूझ रहा श्रीलंका
देश में फ्यूल और गैस की कमी हो गई है। हालात पेट्रोल-डीजल के लिए लोगों को कई घंटों तक लाइन में लगाना पड़ रहा है। एजुकेशनल बोर्ड के पास कागज और स्याही खत्म हो गई है, जिसके बाद परीक्षा अनिश्चितकाल के लिए टाल दी गई हैं। श्रीलंका में गुरुवार की शाम डीजल नहीं था, जिससे ट्रांसपोर्ट सिस्टम ठप हो गया।
इसके साथ ही देश के 2.2 करोड़ लोगों को काफी लंबे समय तक बिजली की कटौती का सामना भी करना पड़ा। आलम ये है कि यहां लोगों के लिए दूध सोने से भी ज्यादा महंगा हो गया है। लोगों को दो वक्त की रोटी के लिए भी कई परेशानियों से जूझना पड़ रहा है।