नई दिल्ली: टोक्यो 2020 पैरालंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले एशियाई पैरा खेलों के पदक विजेता सुधीर और जयदीप ने कोलकाता में आयोजित 19वीं सीनियर और 14वीं जूनियर राष्ट्रीय पैरा पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप 2022 में छह स्वर्ण पदक के साथ तालिका में शीर्ष स्थान हासिल किया. कुल मिलाकर हरियाणा ने 11 पदक जीते, जिसमें तीन कांस्य और दो रजत पदक भी शामिल हैं. हरियाणा के बाद तमिलनाडु, पंजाब, दिल्ली और यूपी ने तीन-तीन स्वर्ण पदक जीते.
पुरुषों के अंडर 88 किग्रा वर्ग में सुधीर ने 232 किग्रा का प्रभावशाली भार उठाकर दिल्ली के जोगिंदर सिंह (150 किग्रा) और बिहार के महान आदित्य (145 किग्रा) को पीछे छोड़ दिया. पुरुषों के अंडर 72 किग्रा में प्रतिस्पर्धा कर रहे जयदीप ने गुजरात के रामुभाई बंभावा (150 किग्रा) और दिल्ली के कुलदीप कुमार (146 किग्रा) से आगे चलकर 151 किग्रा भार उठाकर स्वर्ण पदक जीता. हरियाणा के लिए अन्य स्वर्ण पदक विजेता अशोक (पुरुष -65 किग्रा), दीपक (पुरुष -80 किग्रा), प्रदीप जून (पुरुष -107 किग्रा) और गीता (महिला -73 किग्रा) थे.
पुरुषों के अंडर-49 किग्रा फाइनल में पंजाब के विश्व चैंपियनशिप के पदक विजेता परमजीत कुमार ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 165 किग्रा स्वर्ण पदक जीता. उनकी लिफ्ट विश्व के कांस्य पदक के प्रयास से काफी आगे थी, क्योंकि वह गुजरात के दिलीप शुक्ला (118 किग्रा) और दिल्ली के गुलफाम अहमद (118 किग्रा) से आगे रहे.
अनुभवी पावरलिफ्टर फरमान बाशा कर्नाटक का प्रतिनिधित्व करते हुए पुरुषों के 54 किग्रा स्पर्धा में स्वर्ण का दावा किया. महिलाओं की स्पर्धा में एशियाई पैरा खेलों की रजत पदक विजेता कर्नाटक की शकीना खातून ने 95 किग्रा की अपनी तीसरी सफल लिफ्ट के साथ 50 किग्रा स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता. तमिलनाडु की गोमती (58 किग्रा) और गुजरात की सपना शाह (52 किग्रा) क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर रहीं. भारत की पैरालंपिक समिति के तत्वावधान में बंगाल पैरालंपिक एसोसिएशन द्वारा राष्ट्रीय चैंपियनशिप आयोजित की गई थी.