उज्जैन। प्रदेश के मुख्य सचिव (सीएस) सुधीरंजन मोहंती ने रविवार को संभाग में मिलावटखोरों के खिलाफ चल रही कार्रवाई पर सवालिया निशान खड़ा करते हुए कहा कि केवल 10 किलो, 20 किलो मावा पकड़कर खुश न होइए, बड़ी और प्रभावी कार्रवाई कीजिए। जरूरत पड़े तो घर में घुसकर भी मिलावटखोरों को पकड़िए। केवल दिखाने के लिए ये कार्रवाई न करें। सभी कलेक्टर और अफसरों से कहा – मिलावट करने वाले समाज के सबसे बड़े अपराधी हैं। ऐसे लोगों पर रासुका जैसी कार्रवाई करने से भी पीछे न हटें।
सीएस मोहंती ने संभागीय मुख्यालय बृहस्पति भवन पर सभी कलेक्टर के साथ पहली संभाग स्तरीय बैठक ली, जो करीब चार घंटे चली। फोकस मिलावटखोरी पर रहा। सीएस ने कहा खाने-पीने की चीजों में मिलावट करना जघन्य अपराध है। ऐसे लोगों के खिलाफ जितनी बड़ी कार्रवाई की जाए, कम है। पहले कई सालों से मिलावटखोरी पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। इससे एजेंसियां भी लापरवाह हो गईं। इस नजरिए को अब बदलना पड़ेगा। मिलावट करने वालों के खिलाफ लगातार कार्रवाई करनी पड़ेगी। यह न केवल मानवता की सबसे बड़ी सेवा होगी बल्कि हमारी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य भी सुरक्षित हो जाएगा। मिलावटखोरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें और इसका प्रचार-प्रसार भी खूब करें, क्योंकि इससे आम लोग भी जागरुक होंगे और वे खुद शिकायत लेकर आएंगे।
पांच विभागों के पीएस भी आए
सीएस की बैठक में पांच विभागों के पीएस भी शामिल हुए। इनमें गृह विभाग के एसएन मिश्रा, स्वास्थ्य की पल्लवी जैन गोविल, राजस्व विभाग के मनीष रस्तोगी, खनिज संसाधन विभाग के नीरज मंडलोई, खाद्य विभाग की नीलम शमी राव उपस्थित रहीं। संभागायुक्त अजीत कुमार, अपर आयुक्त पीएस कतरोलिया, कलेक्टर शशांक मिश्र, शाजापुर कलेक्टर वीएस रावत, रतलाम कलेक्टर रुचिका चौहान, मंदसौर कलेक्टर मनोज पुष्प, नीमच कलेक्टर अजय गंगवार, देवास कलेक्टर श्रीकांत पांडेय, आगर कलेक्टर संजय कुमार, जिला पंचायत सीईओ नीलेश पारीक सहित सभी जिलों के सीईओ मौजूद थे।
ऑक्सीटोसिन का इस्तेमाल भी मिलावट
मिलावट करने वालों के खिलाफ सीएस का तेवर काफी तीखा रहा। वे बोले केवल दूध व इससे बने पदार्थ ही नहीं बल्कि दूध का उत्पादन बढ़ाने के लिए ऑक्सीटोसिन का उपयोग करना भी मिलावट ही है। ऐसे मामलों में भी जिला मजिस्ट्रेट्स को सख्ती से कार्रवाई करने की जरूरत है। जो सेंपल लिए जाते हैं, उनकी जांच भी तेजी से करें। प्रयोगशालाएं बढ़ाएं और उसमें उपयोग होने वाले रिएजेंट्स आसानी से उपलबध हो जाए, इसके लिए भी काम करें।
लोगों के दिलों तक पहुचने का जरिया
मिलावटखोरी पर कार्रवाई कर प्रदेश की कमलनाथ सरकार आम लोगों के दिलों में अपनी छाप छोड़ने की कोशिश भी कर रही है। इसका संकेत उस समय मिला जब बैठक में सीएस ने अधिकारियों से कहा लोगों को लगना चाहिए कि सरकार उनके हित में बड़ा काम कर रही है। इस कारण प्रदेश सरकार ने मिलावटखोरी पर अपनी लगाम कस दी है। हालांकि सरकारी मशीनरी अभी ऐसी प्रभावशाली कार्रवाई नहीं कर पा रही। यही कारण रहा कि सीएस को कहना पड़ा कि मिलावटखोरी के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करें।
खराब सड़कों को ठीक करने के लिए नवंबर तक की डेडलाइन
खराब सड़कों को लेकर भी सीएस ने नाराजी जताई। लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों से कहा बारिश खत्म होते ही 20 सितंबर से सड़कों को ठीक करने का काम शुरू कर दिया जाए। विभाग के अफसरों से कहा इस काम में किसी तरह भी धन की कमी नहीं आने देंगे। नवंबर तक सड़कों को हर हाल में ठीक कर दें। इसके लिए सड़क सुरक्षा समितियों की बैठकें हर माह आयोजित करें। सड़कों के ऐसे ब्लैक स्पॉट पहचानें जहां एक्सीडेंट ज्यादा होते हैं।
वाट्सएप से ही काम न करें, मौके पर भी जाएं
सीएस ने कहा आजकल वाट्सएप से ही आदेश-निर्देश जारी कर दिए जाते हैं। उन्होंने कहा केवल वाट्सएप से ही काम नहीं चलेगा, मौके पर जाएं और आम जनता से मिलकर उनकी समस्याएं जानें और समस्याओं को समझकर निराकरण करें। सभी कलेक्टरों से कहा वे मूलत: राजस्व के अधिकारी हैं इसलिए राजस्व से संबंधित शिकायतें व कामों पर उनकी पकड़ होनी चाहिए। पटवारी और तहसीलदारों को भी गांवों में भेज बंटवारा, सीमांकन, नामांतरण व भू अधिकार पुस्तिका बांटने का काम प्राथमिकता से कराएं। हालांकि संभाग में राजस्व प्रकरणों का निराकरण, नामांतरण, बंटवारा व सीमांकन मामलों में सीएस ने अफसरों की तारीफ भी की।
सीएस के खास निर्देश
– सार्वजनिक वितरण प्रणाली से जुड़े अपात्रों के नाम 15 अक्टूबर तक काट दिए जाएं। हर साल सूची का अपडेशन भी करें।
– प्रसूति सहायता के पेंडिंग प्रकरणों में तत्काल भुगतान किया जाए।
– शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में लार्वा मारने के लिए दवाई का छिड़काव कार्य की मॉनीटरिंग की जाए।
– अवैध खनन के मामलों पर नजर रखी जाए।
– ऐसे गांवों की सूची बनाएं जहां आने वाले गर्मी के मौसम में पेयजल संकट की आशंका हो।
– इस बार बारिश अधिक होने से फसलों को नुकसान भी हुआ है। नुकसान का आंकलन सही हो।
– बिजली में 45 से 46 फीसदी का लाइन लॉस रोकने के लिए कलेक्टर व विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारी समन्वय से काम करें।