चंडीगढ़ : पंजाब चुनाव में कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री के चेहरे की घोषणा रविवार को राहुल गांधी कर सकते हैं. पंजाब कांग्रेस मुख्यालय दिल्ली से पंजाब में ऐसे पर्चे और पोस्टर भेजे जा रहे हैं, जिनमें चन्नी की तस्वीरों वाले बैनर और पोस्टर लगे हैं. कांग्रेस के सूत्रों के अनुसार राहुल गांधी पंजाब में चरणजीत सिंह को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर सकते हैं. हरीश चौधरी के ऐलान से पहले ही सुनील जाखड़ ने मीडिया में बयान दिया था कि आलाकमान को चन्नी को समय देना चाहिए. वहीं, चन्नी और सिद्धू के समर्थक कयास लगाते रहे हैं कि सत्ता में आने पर दोनों को बराबर आधे-आधे समय के लिए मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी रविवार दोपहर 2 बजे लुधियाना पहुंचेंगे. जहां दाखा विधानसभा क्षेत्र में रैली है. चुनाव आयोग की पाबंदियों को देखते हुए इस रैली में एक हजार लोगों को ही जाने की इजाजत होगी. कांग्रेस पंजाब की सभी 117 सीटों पर रैली करेगी और वर्चुअल तरीके से इसका सीधा प्रसारण भी करेगी.
राहुल के ऐलान से पहले कादियान से चुनाव लड़ रहे कांग्रेस के दिग्गज नेता प्रताप बाजवा ने कुछ अलग ही अंदाज अपनाया है. बाजवा ने कहा कि जैसे हालात बने हैं, कांग्रेस को किसी एक चेहरे के साथ नहीं जाना चाहिए. कांग्रेस को यह चुनाव संयुक्त नेतृत्व में लड़ना चाहिए. सिद्धू ने गुरुवार को कहा था कि वह चाहते हैं कि एक कमजोर सीएम शीर्ष पर बैठे. साथ ही उन्होंने कहा था कि एक अच्छा मुख्यमंत्री चुनना पंजाब के मतदाताओं के हाथ में है.
अब सवाल हा कि फिर सिद्धू का क्या होगा? नवजोत सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू ने कहा है कि अगर सिद्धू को मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया तो वह अपने पेशे में लौट आएंगे। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि सिद्धू अपने टीवी शो के पेशे में लौट सकते हैं। सिद्धू कई मौकों पर हाईकमान को गंभीर परिणाम भुगतने की बात कह चुके हैं। हाल ही में एक बयान में सिद्धू ने कहा था कि हाईकमान को एक ऐसे मुख्यमंत्री की जरूरत है जो उसकी धुन पर नाच सके.
क्या पार्टी यहां अपना फैसला वापस नहीं लेगी? कांग्रेस पार्टी ने 2017 के चुनाव से पंजाब में मुख्यमंत्री के चेहरे की घोषणा शुरू कर दी थी. उस समय विधायकों ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने के लिए पार्टी आलाकमान पर दबाव बनाया था. ऐसा पंजाब में है लेकिन इससे पहले हरियाणा में 2005 में पार्टी ने पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी भजनलाल को प्रदेश का चेहरा बनाया था.
हालांकि आधिकारिक तौर पर उनकी घोषणा नहीं की गई थी, लेकिन वह पार्टी का मुख्य चेहरा थे और पार्टी ने बहुमत के साथ चुनाव जीता था. दूसरी ओर, पार्टी ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा को मुख्यमंत्री के रूप में नामित किया. ऐसे में मुख्यमंत्री के चेहरे की घोषणा के बावजूद पार्टी उन्हें पंजाब का मुख्यमंत्री बनाएगी या नहीं, यह भी एक बड़ा सवाल है.