नई दिल्ली: भारत इस साल अपना 73वां गणतंत्र दिवस मना रहा है. इस बार गणतंत्र दिवस की रौनक कुछ दिनों पहले ही शुरू हो गई थी. देश को साल 1947 में अंग्रेजों से आजादी मिली थी, लेकिन तीन साल बाद 26 जनवरी, 1950 को देश में संविधान लागू हुआ. इस वजह से हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है. डॉ. भीमराव अंबेडकर ने संविधान की मसौदा समिति की अध्यक्षता की. हालांकि, देश में हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है, क्योंकि 26 नवंबर, 1949 को भारत की संविधान सभा ने भारत के संविधान को अपनाया था.
हर साल की तरह इस बार भी गणतंत्र दिवस की पूरी तैयारियां कर ली गई हैं. गणतंत्र दिवस को पूरे धूमधाम से मनाया जाता है. 26 जनवरी के दिन का मुख्य आकर्षण परेड होती है, जोकि राजपथ से निकलती है और इंडिया गेट तक जाती है. इस साल परेड में 16 सैन्य दलों, 17 मिलिट्री बैंड तथा विभिन्न राज्यों, विभागों और सैन्य बलों की 25 झांकियों को शामिल गया है. इस दिन राष्ट्रपति राजपथ पर झंडा फहराते हैं.
गणतंण दिवस के कार्यक्रम में भारतीय सेना, भारतीय नौसेना और भारतीय वायु सेना द्वारा भारत की सांस्कृतिक और सामाजिक विरासत का प्रदर्शन किया जाता है. इसके साथ ही, राजपथ पर विभिन्न प्रदेशों की झाकियां निकलती हैं, जो उनके राज्यों की संस्कृति को दिखाती हैं. इस बार राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में गणतंत्र दिवस को लेकर काफी सुरक्षा व्यवस्था की गई है. दिल्ली मेट्रो की पार्किंग सेवाओं को बंद कर दिया गया है, जबकि कुछ घंटों तक कई स्टेशनों पर एग्जिट-एंट्री भी बंद रहेगी.
गणतंत्र दिवस का इतिहास
गणतंत्र दिवस के इतिहास की बात करें तो 26 जनवरी, 1950 को भारतीय संविधान लागू हुआ हुआ. संविधान सभा, जिसका उद्देश्य भारत के संविधान का मसौदा तैयार करना था, उसने अपना पहला सत्र 9 दिसंबर, 1946 को आयोजित किया. अंतिम सत्र 26 नवंबर, 1949 को समाप्त हुआ और फिर एक साल बाद संविधान को अपनाया गया. मालूम हो कि भारत को आजादी तीन साल पहले साल 1947 को ही मिल गई थी.