मुंबई : शेयर बाजार में लगातार तीसरे दिन गिरावट जारी है. बीएसई सेंसेक्स पिछले तीन दिनों में 1835 अंक गिर चुका है. निफ्टी में 550 अंक की गिरावट देखी गई है. आर्थिक विशेषज्ञों के अनुसार इसकी मुख्य वजह अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की बढ़ती कीमत, खाड़ी देशों में राजनीतिक तनाव और विदेशी संस्थागत निवेशकों द्वारा पैसा निकाला जाना है.
ऐसा नहीं है कि भारत में ही बाजार गिर रहा है. विदेशी बाजारों में भी इसी तरह की गिरावट देखी जा रही है. जानकारों की सलाह है कि निवेशकों को बहुत ही चौकन्ना रहने की जरूरत है. उनके अनुसार पूरी दुनिया में महंगाई बढ़ रही है. और इसकी वजह से बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी हो रही है. ऐसे में जाहिर है, अलग-अलग सरकारें सख्त रूख अपना रहीं हैं. इसलिए इसका असर बाजार पर पड़ना तय है.
आपको बता दें कि इस सप्ताह सोमवार को सेंसेक्स 61385 के स्तर पर बंद हुआ था. उस समय सभी कंपनियों की कुल वैल्यू 28002438 करोड़ रु. थी. लेकिन बुधवार तक इसकी वैल्यू 27485912 करोड़ रु. हो गई. ऊपर से फिर से दो दिनों में और गिरावट. सेंसेक्स गुरुवार को 634.20 अंक और टूटकर 59,464.62 अंक पर बंद हुआ. निफ्टी 181.40 अंक के नुकसान से 17,757 अंक पर बंद हुआ.
एक दिन पहले घरेलू शेयर बाजारों में बुधवार को भी लगातार दूसरे दिन गिरावट रही और मानक सूचकांक… बीएसई सेंसेक्स 656 अंक लुढ़क गया. एनएसई निफ्टी भी 18,000 अंक से नीचे आ गया. वैश्विक बाजारों में गिरावट का असर घरेलू बाजार पर भी पड़ा. कल 30 शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स शुरू में बढ़त के साथ खुला था. लेकिन यह तेजी कायम नहीं रह पाया और कुछ देर के लिये सेंसेक्स 60,000 के नीचे तक चला गया. अंत में यह 656.04 अंक यानी 1.08 प्रतिशत की गिरावट के साथ 60,098.82 अंक पर बंद हुआ. सात जनवरी के बाद सेंसेक्स का यह निचला स्तर है.
इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 174.65 अंक यानी 0.96 प्रतिशत की गिरावट के साथ 17,938.40 अंक पर बंद हुआ था. सेंसेक्स के शेयरों में इन्फोसिस सबसे अधिक 2.77 प्रतिशत नुकसान में रही. इसके अलावा एशियन पेंट्स, एचयूएल, नेस्ले, बजाज फाइनेंस, विप्रो और कोटक बैंक 2.71 प्रतिशत तक नुकसान में रहे. सेंसेक्स के 30 शेयरों में 22 नीचे आए. लाभ में रहने वाले शेयरों में एसबीआई, टाटा स्टील, मारुति, एक्सिस बैंक, टेक महिंद्रा, पावर ग्रिड, महिंद्रा एंड महिंद्रा और रिलायंस इंडस्ट्रीज शामिल हैं.
बीएसई मिडकैप 0.34 प्रतिशत नीचे आया जबकि स्मॉलकैप (छोटी कंपनियों के शेयरों का सूचकांक) लगभग स्थिर रहा. बीएसई में कुल 3,495 शेयरों में 1,827 में गिरावट जबकि 1,579 लाभ में रहे. 89 के भाव अपरिवर्तित रहे. जियोजीत फाइनेंशयिल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘वैश्विक स्तर पर जोखिम लेने की क्षमता प्रभावित हुई है. इसका कारण मुद्रास्फीति में वृद्धि से बांड प्रतिफल बढ़ना है. इसके अलावा भू-राजनीतिक तनाव और तेल कीमतों में तेजी से भी निवेशकों का भरोसा प्रभावित हुआ है. इसके साथ विदेशी संस्थागत निवेशकों की मुनाफा वसूली के कारण घरेलू बाजार लगातार दूसरे दिन नुकसान में रहे.’
शेयर बाजार में उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने मंगलवार को 1,254.95 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे. एशिया के अन्य बाजारों में जापान का निक्की करीब तीन प्रतिशत, दक्षिण कोरिया का कॉस्पी 0.8 प्रतिशत, चीन का शंघाई कंपोजिट 0.3 प्रतिशत नीचे रहा। जबकि हांगकांग के हैंगसेंग में तेजी रही. अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 14 पैसे की बढ़त के साथ 74.44 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ.